कोरोना ड्यूटी में लगे पारा शिक्षकों को भी मिले प्रोत्‍साहन राशि, सीएम करें घोषणा, वर्ना सामूहिक बहिष्‍कार

झारखंड मुख्य समाचार
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रांची। एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन से प्रोत्‍साहन राशि देने की घोषणा पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है। इसमें कोरोना ड्यूटी में लगे पारा शिक्षकों को भी शामिल करने की मांग की है। ऐसा नहीं होने पर कार्य का सामूहिक रूप से बहिष्कार करने की धमकी दी है।

मोर्चा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने घो‍षणा की है कि कोराना काल में दिन रात मेहनत कर रहे चिकित्साकर्मी एवं चिकित्सकों को 1 महीने का वेतन/मानदेय के बराबर प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। यह बहुत अच्छी बात है। मोर्चा ने कहा कि इस संकट की स्थिति में चिकित्सक एवं चिकित्साकर्मियों के अलावा कोरोना वॉरियर्स के रूप में झारखंड के पारा शिक्षकों को भी विभिन्न अस्पताल और इलाकों में मजिस्ट्रेट के रूप में तैनात किया गया है। पारा शिक्षक भी कोविड-19 अस्पताल के वार्ड में और विभिन्न स्थानों में रहकर मरीजों की देखभाल कर रहे हैं।

मोर्चा के पदधारियों ने कहा कि इस वजह से पारा शिक्षकों के भी संक्रमि‍त होने की 99 फीसदी आशंका है। पारा शिक्षक अल्प मानदेय भोगी हैं। इस कार्य के लिए कोई अतिरिक्त मानदेय/भत्ता भी उन्हें नहीं मिल रहा है, ना ही कोई सरकारी सुविधाएं मिल रही है। और तो और बार-बार मांग के बावजूद केंद्र द्वारा घोषित 50 लाख का बीमा कवर भी पारा शिक्षकों का नहीं किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री द्वारा कोरोना के कार्य में लगे चिकित्साकर्मियों को 1 माह का अतिरिक्त मानदेय या वेतन दिया जा रहा है। पारा शिक्षकों को भी मुख्यमंत्री से बहुत उम्मीदें थी। इस घोषणा में पारा शिक्षकों को शामिल नहीं करना न्यायसंगत नहीं है। यह दुर्भाग्यपूर्ण भी है। झारखंड के पारा शिक्षक भी संकट की इस स्थिति में सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रहे हैं। बढ़-चढ़कर इस बीमारी को दूर करने के लिए अपने भविष्य की चिंता किए बगैर कोरोना वॉरियर्स के रूप में हर जगह तैनात हैं।

एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा की रांची जिला कमेटी के अध्‍यक्ष मोहम्मद शकील ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि वे अपने निर्णय पर पुनर्विचार करें। कोरोना ड्यूटी में तैनात पारा शिक्षकों को भी इस निर्णय में शामिल करते हुए उन्हें भी एक माह का अतिरिक्त मानदेय दिया जाए। ऐसा नहीं होने पर मजबूर होकर संघ द्वारा कार्य का सामूहिक रूप से बहिष्कार किया जाएगा।