डीप वेन थ्राम्बोसिस को नजरअंदाज नहीं करें : डॉ शिवराज इंगोले

देश मुंबई सेहत
Spread the love

अनिल बेदाग

मुंबई। डीप वेन थ्राम्बोसिस एक ऐसी स्थिति है, जिसमें शरीर में कहीं किसी एक नस के भीतर रक्त का थक्का बन जाता है। डीप वेन थ्राम्बोसिस ज्यादातर निचले पैर या जांघ में होता है। हालांकि यह कभी-कभी शरीर के अन्य भागों में भी हो सकता है। थक्का जमा हुआ रक्त है, जो रक्त के साथ दूसरे स्थानों तक स्थानांतरित हो सकता है। यह ऑपरेटिव प्रक्रिया की जटिलता के रूप में सामने आता है।

टांगों की काफ मसल्स और पैरों में दर्द व सूजन को हम अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं। यह डीवीटी की तरफ इशारा करता है, जो आगे जाकर घातक रूप ले सकती है। मुंबई के जेजे अस्पताल एवं ग्रांट मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर और इंटरविंशनल रेडियोलाजिस्ट डॉ शिवराज इंगोले ने इस बीमारी पर विस्तार से बात की।

डॉ इंगोले ने बताया कि कई बार ऐसा होता है कि हमारी टांगों में मौजूद काफ मसल्स (टांगों का पिछला हिस्सा) की धमनियों में ब्लड क्लॉट बन जाता है। इसकी वजह से टांग सूजकर हाथी पांव जैसी हो जाती है। उसमें दर्द होता है।

ज्यादातर मामलों में इसका पहचान तब तक नहीं हो पाता, जब तक किसी व्यक्ति को पुल्मनेरी एम्बोलिजम से निदान के लिए आपातकालीन सेवा में नहीं जाना पड़े। इसका मतलब यह होता है कि रक्त का थक्का पैर से होकर फेफड़ों में जाकर किसी महत्वपूर्ण धमनी में रूकावट पैदा कर रहा हो। 

जीवनशैली में कुछ बदलाव करके डीवीटी होने के जोखिम को कम किया जा सकता है। जीवनशैली के बदलावों में ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखना, धूम्रपान छोड़ना और यदि आपका वजन अधिक है तो वजन घटाना आदि शामिल होता है।

डीवीटी एक गंभीर मेडिकल स्थिति होती है। यदि आपको लगता है कि आपको डीप वेन थ्रोम्बोसिस के लक्षण विकसित हो रहे हैं तो जितना जल्दी हो सके डॉक्टर से संपर्क करें। इस बीमारी के सिलसिलें में डॉक्टर लक्षणों की जांच करते हैं। आपकी पिछली मेडिकल स्थिति का पता लगाते हैं। फिर आपके लिए सबसे बेहतर इलाज का चुनाव करते हैं। सोते समय पर्याप्त मात्रा में पानी, काल्फ एक्सरसाइज और हल्के पैर उभार से डीवीटी की संभावना को कम किया जा सकता है।