दामन थामने के बाद मरते दम तक नहीं छोड़ा साथ, चिता पर भी सोए तो हाथों में लेकर हाथ

झारखंड
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पलामू। दामन थामने के बाद मरते दम तक नहीं छोड़ा साथ, चिता पर भी सोए तो हाथों में लेकर हाथ…। यह कोई फिल्मी डायलॉग नहीं, सौ फीसदी हकीकत है। पलामू जिले के छतरपुर चेकनाका के पास रहने वाले विश्वनाथ गुप्ता और उनकी पत्नी लीलावती देवी ने जब से एक-दूजे का दामन थामा, अंत तक साथ निभाया।

दुनिया को अलविदा करते समय भी साथ मरने का वादा निभा गए। बताया जाता है कि रविवार की रात विश्वनाथ गुप्ता की पत्नी का ब्लड प्रेशर गिर जाने की वजह से हालत गंभीर हो गई। उसके बाद उन्हें आनन-फानन में मेदिनीनगर अस्पताल ले जाया गया।

वहां प्राथमिक उपचार के बाद स्थिति को देखते हुए चिकित्सकों ने वहां से बाहर रेफर कर दिया। जब तक परिजन उन्हें बेहतर इलाज के लिए बाहर ले जाते, इसी बीच सोमवार की अहले सुबह करीब तीन बजे मेदिनीनगर में ही उनकी मौत हो गई।

पत्नी का शव देख विश्वनाथ गुप्ता को गहरा आघात पहुंचा और फिर उन्हें भी छतरपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां हृदय गति रुकने से उनकी भी मौत हो गई।

इस घटना को सुन कर हर कोई हतप्रभ था। मृतक दंपती के चार बेटे और दो बेटियों समेता भरा पूरा परिवार है। छतरपुर मांड्या नदी पर छोटे बेटे ने माता-पिता को एक साथ मुखाग्नि दी।