टाटा स्टील ने भारी उद्योगों के डीकार्बोनाइजेशन के लिए नए ग्लोबल फ्रेमवर्क का समर्थन किया

देश मुंबई
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  • भारी उद्योगों को डीकार्बोनाइज करने के लिए नीति निर्माताओं की मदद करेगा यह नया फ्रेमवर्क

मुंबई। टाटा स्टील भारी उद्योगों और नागरिक समाज समूहों के नेटवर्क में शामिल हो गया है। यह कोविड-19 आर्थिक सुधार योजना के तहत भारी उद्योगों को डीकार्बोनाइज (कार्बन-मुक्त) करने के लिए एक ग्लोबल फ्रेमवर्क प्रदान करेगा। यह नेटवर्क अपनी तरह का पहला वैश्विक नेटवर्क है।

अंतर्राष्ट्रीय गैर-लाभकारी, समूह ‘क्लाइमेट ग्रुप’ और अभियान संगठन ‘माइटी अर्थ’ द्वारा स्थापित, भारी उद्योग के डीकोर्बोनाइजेशन के लिए ग्लोबल फ्रेमवर्क सिद्धांतों को उद्योग के विशेषज्ञों के साथ गहन-समन्वय में विकसित किया गया है।

पहली बार सार्वजनिक रूप से उपलब्ध वैश्विक दिशानिर्देशों ने स्पष्ट उपाय प्रदान किए हैं कि कैसे दुनिया भर में स्टील, सीमेंट और रसायन जैसे भारी उद्योग 1.5°c क्लाइमेट ट्रेजेक्टरी के साथ मिल कर आर्थिक विकास को प्रोत्साहित कर सकते हैं।

यह मल्टी-स्टेकहोल्डर प्लेटफॉर्म पेरिस समझौते के लक्ष्यों के साथ तालमेल करने के लिए भारी उद्योग के डीकार्बोनाइज़ेशन में तेजी लाने और इस पहल पर आगे बढ़ने की तत्काल आवश्यकता का आह्वान करता है।

फ्रेमवर्क में छह मुख्य सिद्धांत निर्धारित किए गए हैं, जिनमें से प्रत्येक एक आवश्यक उत्तोलक का प्रतिनिधित्व करता है, जिसे नीति निर्माता स्टील, सीमेंट, रसायन और अन्य भारी उद्योगों के सफल डीकार्बोनाइजेशन को सुनिश्चित करने के लिए उपयोग कर सकते हैं।

इनमें भारी उद्योग के सार्वजनिक वित्तपोषण को उत्सर्जन कम करने की योजनाओं से जोड़ना और निम्न व शून्य-कार्बन प्रौद्योगिकियों में निवेश को प्राथमिकता देना शामिल है, जो औद्योगिक प्रक्रियाओं में जीवाश्म ईंधन के उपयोग को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने में मदद करेंगे।

संजीव पॉल, वाईस प्रेसिडेंट (सेफ्टी, हेल्थ ऐंड सस्टेनेबिलटी), टाटा स्टील ने कहा, “क्लइमेट ग्रुप के ‘ग्लोबल फ्रेमवर्क प्रिंसिपल्स फॉर हेवी इंडस्ट्री’ टाटा स्टील के लोकाचार को ही प्रतिबिंबित करता है और इसका एक हस्ताक्षरकर्ता बन कर हमें काफी प्रसन्नता हो रही है। एक जिम्मेदार कॉरपोरेट नागरिक के रूप में, हमारा हमेशा से यह प्रयास रहा है कि संसाधन दक्षता को बढ़ा कर, सर्कुलर इकोनॉमी सिद्धांतों को अपना कर, जलवायु कार्यवाही कर और हमारे समुदायों व कार्यबल की सेवा कर एक व्यावसायिक रणनीति के रूप में सस्टेनेबिलिटी को बढ़ावा दिया जाए।

जलवायु परिवर्तन एक गंभीर जोखिम है, जिसका मानवता और उद्योग पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ेगा और यह जरूरी है कि उद्योग अपने अपरिहार्य विपरीत प्रभावों को कम करने के लिए शक्तियों में शामिल हो। हम ‘1.5 डिग्री सी ट्रैजेक्टरी’ के साथ जुड़ने के लिए विश्व के भारी उद्योगों को गतिशील करने की दिशा में क्लाइमेट ग्रुप के प्रयासों को अंगीकार करते हैं और एजीलिटी, इनोवेशन और उचित कार्यवाही के द्वारा मूल्य सृजन, कॉर्पोरेट और नागरिकता में ग्लोबल स्टील उद्योग बेंचमार्क बनने की हमारी अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हैं।

जलवायु परिवर्तन शमन और कोविड युग के बाद के समय में अनुकूलन के लिए मजबूत प्रतिक्रिया देने में हम क्लाइमेट ग्रुप और हमारे उद्योग के साथियों के साथ सहयोग करने के लिए तत्पर हैं।‘