रांची। नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी की छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में नाबालिग दोषी को भी आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। गुरुवार को चिल्ड्रेन सह पोक्सो की विशेष अदालत ने उसे सजा सुनाई। उसपर 60 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया। इसकी सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग से जरिये हुई।
झारखंड की राजधानी रांची से सटे कांके के संग्रामपुर स्थित नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी की छात्रा से 12 अभियुक्तों ने सामूहिक दुष्कर्म किया गया था। घटना 26 नवंबर, 2019 की शाम घटी थी। इस मामले में पीड़िता की ओर से एफआईआर दर्ज किया गया था। पुलिस ने 27 नवंबर, 2019 को 16 युवकों को पकड़ा था। इसके बाद 12 युवकों ने घटना में शामिल होने की बात स्वीकारी थी। फारेंसिक जांच में भी 12 लोगों के शामिल होने की पुष्टि हुई थी।
सुनवाई के दौरान 2 मार्च, 2020 को न्यायायुक्त नवनीत कुमार की अदालत ने 11 अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। सभी पर 50-50 हजार रुपये जुर्माना लगाया था। कुलदीप उरांव, सुनील उरांव, संदीप उरांव, अजय मुंडा, राजन उरांव, नवीन उरांव, बसंत कच्छप, रवि उरांव, रोहित उरांव, सुनील मुंडा, ऋषि तिर्की को आजीवन कारावास की सजा मिली है।
एक नाबालिग आरोपी के मामले को जुबेनाइल जस्टिस बोर्ड स्थानांतरित कर दिया गया। जुबेनाइल जस्टिस बोर्ड से मामले को ट्राइल कोर्ट भेजा गया। उसे विशेष जज ने सजा सुनाई। पीड़िता ने अपने बयान में कहा था कि नाबालिग का व्यवहार घटना के दौरान सबसे अधिक आक्रमक था। इसने एक बार दुष्कर्म करने के बाद दोबारा पीड़िता के साथ शारीरिक संबंध बनाया था। बार-बार जान से मारने की धमकी भी दे रहा था।