- दक्षिणी हिन्द महासागर के देशों में विदेशी तैनाती के हिस्से के रूप में भेजा गया युद्धक जहाज
- दोनों देशों के बीच समुद्री सुरक्षा सहयोग बढ़ाना और द्विपक्षीय संबंध मजबूत करना भी उद्देश्य
नई दिल्ली। भारतीय नौसेना के पहले प्रशिक्षण स्क्वाड्रन का जहाज आईएनएस शार्दुल दक्षिणी हिन्द महासागर के देशों में विदेशी तैनाती के हिस्से के रूप में मॉरीशस के पोर्ट लुइस बंदरगाह पहुंच गया है। यह पोत 12 मार्च, 2021 को मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस पर आयोजित समारोह में हिस्सा लेगा और ईईजेड की निगरानी में मॉरीशस नेशनल कोस्ट गार्ड के साथ समन्वय करेगा।
प्रवक्ता विवेक मधवाल के मुताबिक मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह पर भारतीय नौसेना के जहाज की यह यात्रा दोनों देशों के बीच घनिष्ठ संबंधों और मजबूत दोस्ती को उजागर करती है। इस यात्रा का उद्देश्य द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना और दोनों देशों के बीच समुद्री सुरक्षा सहयोग को बढ़ाना भी है।आईएनएस शार्दुल पूर्ण रूप से स्वदेशी है, जिसे गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) ने कोलकाता में बनाया है। इसे 2007 में भारतीय नौसेना में कमीशन किया गया था। आईएनएस शार्दुल भारतीय नौसेना का युद्धक जहाज है, जो युद्धक टैंक, सैनिकों और एक साथ कई हेलीकॉप्टर ले जाने में सक्षम है।
जहाज आईएनएस शार्दुल ने हाल के दिनों में मानवीय सहायता और आपदा राहत अभियानों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। खासकर मार्च, 2020 में मेडागास्कर में 600 टन खाद्यान्न की डिलीवरी की। कोविड-19 महामारी के दौरान विभिन्न देशों में फंसे प्रवासी भारतीयों को सुरक्षित स्वदेश लाने के लिए जून, 2020 में चलाये गए ऑपरेशन समुद्र सेतु में भी हिस्सा लिया था। भारतीय नौसेना का ‘ऑपरेशन समुद्र सेतु’ 55 दिनों तक चला था, जिसमें विदेशों से 3,992 भारतीय नागरिकों को वापस लाया गया था। इस दौरान मालदीव से 2386, श्रीलंका से 686 और इस्लामिक गणराज्य ईरान से 920 नागरिकों को स्वदेश लाया गया। भारतीय जहाजों जलाश्व, ऐरावत, शार्दुल और मगर ने इस ऑपरेशन के दौरान 23 हजार किलोमीटर की दूरी तय की।