दिल्ली हिंसा: आसिफ इकबाल की जमानत पर हाई कोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला

अपराध देश नई दिल्ली
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नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली हिंसा के मामले में जेल में बंद जामिया युनिवर्सिटी के छात्र आसिफ इकबाल तान्हा की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल की अध्यक्षता वाली बेंच ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया। दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने 26 अक्टूबर 2020 को तान्हा की जमानत याचिका खारिज कर दिया था। कड़कड़डूमा कोर्ट ने कहा था कि विरोध करने का सभी नागरिकों का अधिकार है लेकिन इसमें कुछ प्रतिबंध हैं। कड़कड़डूमा कोर्ट ने कहा था कि ये देखना जरुरी है कि नागरिकता संशोधन कानून की आड़ में किए गए विरोध प्रदर्शनों के बाद हुए दंगों के लिए आरोपी साजिश में शामिल था कि नहीं।

दिल्ली पुलिस के मुताबिक तान्हा स्टूडेंट इस्लामिक आर्गनाइजेशन का सदस्य है और शाहीन बाग के अबुल फजल एंक्लेव में रहता है। वो जामिया कोआर्डिनेशन कमेटी का एक अहम सदस्य है जिसके जरिये नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को बढ़ावा दिया गया था। दिल्ली पुलिस के मुताबिक तान्हा उमर खालिद, शरजील इमाम, मीरान हैदर और सफूरा जरगर का निकट सहयोगी है। तान्हा को 19 मई 2020 को गिरफ्तार किया गया था। वो 26 मई 2020 से न्यायिक हिरासत में है।