- माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली भारतीय महिला बछेंद्री पाल की अगुवाई में होगा अभियान
- पूरे भारत से 50 वर्ष और इससे अधिक आयु के प्रतिभागियों के साथ एक अनूठा अभियान
जमशेदपुर। टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन (टीएसएएफ) फिट/50@ वूमेंस ट्रांस हिमालयन एक्सपीडिशन’ 21 नामक अभियान का आयोजन करेगा। फिट इंडिया के बैनर तले भारत सरकार के युवा मामले व खेल मंत्रालय के सहयोग से यह होगा। ड्राइव और फिटनेस पार्टनर के रूप में अभियान को क्रमशः टाटा मोटर्स और टाटा स्पोर्ट्स क्लब ने समर्थन दिया है। लीजेंड्री पर्वतारोही और माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली पहली भारतीय महिला पद्म भूषण और पद्म श्री विजेता सुश्री बछेंद्री पाल इस अभियान का नेतृत्व करेगी। पूरे भारत से 50 वर्ष और इससे अधिक आयु के प्रतिभागी इसमें शामिल होंगे।
मई में अभियान की शुरुआत संभव
टीम के सदस्य पूरे भारत से आए हैं। इनमें सेवानिवृत्त पेशेवर और गृहिणियां भी हैं। 10 सदस्यीय टीम में तीन महिला एवरेस्ट समिटर्स भी शामिल हैं। 5 महीने लंबे अभियान में अरुणाचल से हिमालय को पार करते हुए काराकोरम रेंज (पूर्व से पश्चिम) तक करीब 4,500 किलोमीटर की दूरी तय की जाएगी। लगभग 40 पहाड़ी दर्रे पार किए जाएंगे। मई के पहले सप्ताह में अभियान शुरू होने की उम्मीद है। इस साल अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में समाप्त होगा।
उम्र और लिंग कोई बाधा नहीं
अभियान की लीडर और मेंटर सुश्री बछेंद्री पाल ने कहा कि अभियान का उद्देश्य हमारे समाज की मानसिकता को संबोधित करना है। फिट रहने की आवश्यकता को सामने लाना है, जो यह दर्शाएगा कि फिट और स्वस्थ जीवन शैली के लिए उम्र और लिंग कोई बाधा नहीं है। यह महिला सशक्तीकरण, नेतृत्व, निर्णय लेने, जीवन शैली और हमारे पूरे समुदाय के लिए फिटनेस के महत्व को भी रेखांकित करेगा। भावनात्मक, सामाजिक, मानसिक कारकों, शारीरिक थकान और मौसम की बाधाओं समेत विभिन्न चुनौतियों के साथ 5 महीने की लंबी अवधि इस अभियान को और अधिक कठिन बनाती है। सभी मिलकर फिट/50@ महिलाओं के ट्रांस हिमालयन अभियान को एक अद्वितीय बनाते हैं। सुश्री पाल ने जोखिम को अपनाने के महत्व पर भी जोर दिया। उनका दृढ़ विश्वास है कि जीवन में सबसे बड़ा जोखिम ‘जोखिम नहीं उठाना’ है।
यह अनूठी पहल है
टाटा स्टील के वाईस प्रेसिडेंट (कॉर्पोरेट सर्विसेज) चाणक्य चौधरी ने कहा कि साढ़े तीन दशक से अधिक समय से टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन ने महिलाओं के समान अवसर और सशक्तीकरण का माहौल बनाने में अग्रणी भूमिका निभाई है। फिट/50@ वूमेन ट्रांस हिमालयन एक्सपीडिशन एक और अनूठी पहल है, जो 50 साल या इससे अधिक उम्र की महिलाओं तक पहुंच बना कर इस एजेंडे को आगे बढ़ाएगी। एक मूवमेंट का हिस्सा बनेगी, जो उन्हें शारीरिक और सामाजिक रूढ़ियों को चुनौती देने के लिए भी तैयार करेगी। टाटा स्टील का पूरा परिवार इस अद्भुत यात्रा के पीछे खड़ा है और वे एक शानदार सफलता की कामना करते हैं।
ऐसी यात्रा करेगी टीम
10 सदस्यीय टीम बोमडिला में अरुणाचल प्रदेश के धुंध-भरे पहाड़ों से चरम मानव धीरज की यह यात्रा शुरू करेगी। फिर भूटान में प्रवेश करेगी। यहां यह अभियान भूटान से होकर सिक्किम में जाएगा। चित्रे, काला पोखरी और संदक्फू को कवर करेगा। इसके बाद टीम नेपाल में जाएगी, जहां से अभियान का मार्ग धौलागिरी रेंज में प्रवेश करता है और सलपा दर्रा, लामाजुरा दर्रा कवर करता है, साथ-ही यह अन्नपूर्णा मैसिफ के पास थोरंग ला (17,769 फीट) से भी गुजरता है। पश्चिमी नेपाल से यह मार्ग जुमला से होते हुए धारचूला में उत्तराखंड के कुमाऊं जिले में प्रवेश करता है। यहां से, अभियान एक सबसे कठिन दर्रा लाम्खागा दर्रा (17,320 फीट) पार करेगा, जो हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले को उत्तराखंड के हर्षिल से जोड़ता है। इसके बाद टीम हिमाचल के लिए रवाना होगी। यहां से, यह स्पीति होते हुए काजा, किब्बर की ट्रेकिंग करेगी और पारंग ला (18,307 फीट) को पार करेगी। इस अभियान का समापन लेह-लद्दाख क्षेत्र में होगा, जहाँ टीम खारदुंगला (18,380 फीट), सासेर ला (17,753 फीट), डेपसांग ला (17,869 फीट) को पार करेगी और काराकोरम दर्रा (18,175 फीट) पर अभियान को समाप्त करेगी।
टीम में ये हैं शामिल
10 सदस्यीय टीम में सुश्री बछेंद्री पाल, लीडर (67-जमशेदपुर-झारखंड), चेतना साहू (54-कोलकाता-पश्चिम बंगाल), सविता धापवाल (52-भिलाई-छत्तीसगढ़), शामला पद्मनाभन (64-मैसूरु-कर्नाटक), गंगोत्री सोनेजी (62-बड़ौदा-गुजरात), चौला जागीरदार (63-पालनपुर-गुजरात), पायो मुर्मू (53-जमशेदपुर-झारखंड), डॉ. सुषमा बिस्सा (55-बीकानेर -राजास्थान), मेजर कृष्णा दुबे (59-लखनऊ-यूपी) और बिंबला देओस्कर (55-नागपुर-महाराष्ट्र) शामिल हैं। 3 सदस्यीय सपोर्ट टीम में उत्तराखंड से मोहन रावत (41), अमला रावत (47) और रणदेव सिंह (30) शामिल हैं।