साढ़े चार लाख ग्रामीण महिलाओं को जल परीक्षण का प्रशिक्षण मिला: पीएम मोदी

देश नई दिल्ली मुख्य समाचार
Spread the love

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि पानी की गुणवत्ता की जांच की दिशा में आजादी के बाद पहली बार कोई सरकार समर्पण के साथ काम कर रही है। जल बचाने के साथ-साथ इसकी गुणवत्ता को लेकर प्रयास पहले से ही शुरू किए गए हैं। कोविड-19 के दौरान 4.5 लाख से अधिक ग्रामीण महिलाओं को जल परीक्षण का प्रशिक्षण दिया गया है। वे सोमवार को ‘जल शक्ति अभियान’ का शुभारंभ करते हुए अपनी बात रख रहे थे।

‘विश्व जल दिवस’ के अवसर पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लोगों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कृषि सिंचाई योजना हो या हर खेत को पानी अभियान, ‘पर ड्रॉप, मोर क्रॉप’ अभियान हो या फिर नमामि गंगे मिशन, जल जीवन मिशन हो या अटल भूजल योजना सभी पर तेजी से काम हो रहा है। हमें भी अपने पूर्वजों की तरह आने वाली पीढ़ी के लिए ‘जल का कल’ देना होगा।

विश्व जल दिवस के मौके पर ‘जल शक्ति अभियान’ की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री ने जल संरक्षण की महत्ता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों ने हमें जल संसाधन दिए। अब यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपनी आने वाली पीढ़ियों को पानी प्रदान करें। इसलिए हमें पानी बचाने का संकल्प लेना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत वर्षा-जल का जितना बेहतर प्रबंधन करेगा, उतना ही भू-जल पर देश की निर्भरता कम होगी। इसलिए ‘कैच द रेन’ जैसे अभियान चलाया जाना और इसका सफल होना बहुत जरूरी है। ऐसे में सभी को साथ मिलकर जल संरक्षण के लिए प्रयास करने होंगे। 

अपने संबोधन में पीएम मोदी ‘जल शपथ’ की बात कही। उन्होंने कहा कि सरकार के जल संरक्षण अभियान को सफल बनाने के लिए प्रत्येक भारतीयों की मदद चाहिए होगी। इस अभियान के लिए विशेष ग्राम सभाओं का आयोजन किया गया है और ‘जल शपथ’ दिलाई जा रही है कि हर परिस्थिति में जल सरंक्षण के कार्यों से वे विरत नहीं होंगे। 

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारी कोशिश है कि हर घर तक नल से पानी पहुंचे। पीने के पानी से साथ खेती आदि के लिए जल की कोई कमी न रहे। उन्होंने कहा कि सरकार ‘जल जीवन मिशन’ के तहत महज डेढ़ साल में ही चार करोड़ नये ग्रामीण परिवारों तक नल कनेक्शन पहुंचाकर अपनी नीति को स्पष्ट कर चुकी है।

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने केंद्र की भाजपा सरकार की नीतियों और उससे लोगों को हुए फायदे का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि डेढ़ साल पहले तक देश के 19 करोड़ ग्रामीण परिवारों में से सिर्फ साढ़े तीन करोड़ घरों में ही नल से जल पहुंचता था। लेकिन ‘जल जीवन मिशन’ की शुरुआत के बाद से लगभग चार करोड़ नये ग्रामीण परिवारों को नल का कनेक्शन मिल चुका है। अब उनके घरों से पानी सिर्फ नल की टोटी खोलने तक ही दूर है।

पीएम मोदी ने कहा कि आज गांवों में पानी की सहज उपलब्धता नल के जरिए हो सकी है तो वह सिर्फ इसलिए क्योंकि सरकार ने जनभागीदारी के तहत बेहतर योजना तैयार की। ऐसे में अब जल संरक्षण के मुद्दे पर भी सरकार ने लोगों से आगे आकर मदद करने की अपील की है। साथ ही उम्मीद जाहिर की है कि लोग जल की महत्ता और जरूरत को समझते हुए बेहतर प्रयास करेंगे। आस-पास के लोगों को भी जागरूक करेंगे। 

प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने 15 अगस्त 2019 को देश के हर घर में पाइप के जरिए पानी मुहैया कराने के लिए ‘जल जीवन मिशन’ की घोषणा की थी। उम्मीद की जा रही है कि देश के हर गांव के हर घर में इस योजना के तहत घरों में ही पानी मिल सकेगा। फिलहाल देश के साढ़े सात करोड़ से ज्यादा ग्रामीण घरों में नल के माध्यम से पीने योग्य पानी मिल रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह खुशी की बात है कि जल शक्ति के प्रति जागरूकता बढ़ रही है और प्रयास भी बढ़ रहे हैं। इस अभियान को प्रभावी बनाने की दिशा में मनरेगा के एक-एक पैसे का इस्तेमाल जल संरक्षण में किया जाना चाहिए। पूरी दुनिया जल के महत्व को उजागर करने के लिए अंतरराष्ट्रीय जल दिवस मना रही है। भारत की निर्भरता का विजन भी जल स्त्रोतों पर निर्भर है। ऐसे में अगर देश में पानी का दोहन नहीं रुका तो आने वाले दशकों में स्थिति चिंताजनक होगी। इसलिए जरूरी है कि मनरेगा का एक-एक पैसा जल संरक्षण में इस्तेमाल हो। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि पानी सिर्फ हर परिवार और खेती की जमीन के लिए नहीं है, बल्कि जीवन के हर आर्थिक पहलू के लिए भी है। प्रभावी जल प्रबंधन के बिना तेज विकास असंभव है। भारत की आस्था निर्भर भारत की दृष्टि, हमारे जल संसाधनों पर निर्भर है।

जल शक्ति अभियान के शुभारम्भ से पूर्व केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवाराज सिंह चौहान ने केन-बेतवा सम्पर्क परियोजना के लिए ऐतिहासिक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया। नदियों को आपस में जोड़ने की यह पहली राष्ट्रव्यापी परियोजना है।
कार्यक्रम की शुरुआत में स्वागत भाषण देते हुए जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्रियों का आभार जताते हुए अभियान के विषय की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आज यानी 22 मार्च से एक बार फिर जल शक्ति अभियान की शुरुआत हो रही है, जो देश के सभी 700 जिलों में चलेगा।

शेखावत ने यह भी बताया कि जल संरक्षण से मुद्दे पर देश के सभी जिलों की ग्राम पंचायतों और ग्राम सभाओं में कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। साथ ही जल संरक्षण के लिए ग्राम सभाएं ‘जल शपथ’ भी लेंगी। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि यह आयोजन उन राज्यों में नहीं होंगे, जहां चुनाव होने वाले हैं।