‘हिन्द-प्रशांत’ क्षेत्र में न हो जोर-जबरदस्ती: अमेरिकी राष्ट्रपति

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नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि हिन्द-प्रशांत क्षेत्र अंतरराष्ट्रीय नियमों, सार्वभौमिक मूल्यों और जोर-जबरदस्ती से मुक्त क्षेत्र होना चाहिए। बाइडेन शुक्रवार को भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के चतुर्गुट (क्वाड) की पहली शिखर वार्ता को संबोधित करते हुए अपनी बात रख रहे थे।

बाइडेन ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए आयोजित भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के चतुर्गुट (क्वाड) की पहली शिखर वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि मुक्त, खुला और समावेशी हिन्द-प्रशांत क्षेत्र हम सभी देशों के भविष्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

आगे उन्होंने कहा कि अमेरिका क्वाड सदस्यों और अन्य सहयोगी देशों के साथ मिलकर इस क्षेत्र में शांति और स्थायित्व बनाए रखने के लिए काम करेगा। इस क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय नियमों और सार्वभौमिक मूल्यों के अनुरूप व्यवस्था कायम रहनी चाहिए, जिसमें जोर-जबरदस्ती का कोई स्थान न हो।

कोरोना महामारी का मुकाबला करने और इससे प्रभावित लोगों की आर्थिक मदद करने के लिए अपने प्रशासन की ओर से उठाए गए कदमों का उन्होंने उल्लेख किया। बाइडेन ने गुरुवार को महामारी के संबंध में राहत पैकेज वाले एक विधेयक पर हस्ताक्षर किए हैं। इस संबंध में उन्होंने कहा कि इससे अमेरिका ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में आर्थिक बहाली में मदद मिलेगी।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने देश में आर्थिक गतिविधियों के गति पकड़ने का उल्लेख करते हुए कहा कि यूरोपीय आर्थिक संस्था ओईसीडी ने अनुमान लगाया है कि अगले वित्त वर्ष में अमेरिका में आर्थिक वृद्धि दर 6.5 हो जाएगी, जो पिछले वर्ष की तुलना में दोगुनी होगी। इससे अमेरिका ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में आर्थिक बहाली को मदद मिलेगी। बाइडेन ने कोविड वैक्सीन के उत्पादन के लिए क्वाड देशों की ओर से ठोस कदम उठाए जाने का भी जिक्र किया।

क्वाड को एक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय गुट बताते हुए बाइडेन ने कहा कि शांति और स्थिरता कायम रखने के लिए यह व्यावहारिक उपाय करने का जरिया है, ताकि ठोस नतीजे हासिल किए जा सकें।

वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए आयोजित इस शिखर वार्ता में बाइडेन के बगल में उपराष्ट्रपति कमला देवी हैरिस बैठी थीं। इन नेताओं के पीछे तिरंगा ध्वज सहित सभी सदस्य देशों के राष्ट्रीय ध्वज लगे हुए थे। बाइडेन के बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री मॉरिसन और फिर जापान के प्रधानमंत्री सुगा ने संबोधित किया।

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने कहा है कि क्वाड शिखर सम्मेलन हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में एक नई सुबह लेकर आया है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मूल्यों और कानून पर आधारित व्यवस्था की रक्षा करने पर जोर दिया। साथ ही कोविड से लेकर जलवायु परिवर्तन की कई चुनौतियों के समाधान करने की बात कही।

जापानी प्रधानमंत्री ने अपने प्रारंभिक उद्बोधन में कहा कि वह इस शिखर वार्ता को लेकर भावुक हैं। चार देश साथ मिलकर एक स्वतंत्र और खुले हिन्द-प्रशांत का एहसास करने और क्षेत्र में समृद्धि और स्थिरता में प्रगति करने के लिए अपना योगदान देंगे। 2004 की सुनामी आपदा को याद करते हैं कि तब क्वाड पहली बार एक साथ आया था। उन्होंने टोक्यो में क्वाड के विदेश मंत्रियों की बैठक का भी जिक्र किया ।