रांची। बीते 3 वर्षों में देशभर में कोयले के विभिन्न क्षेत्रों के उत्पादन में बढ़ोतरी हुई है। आने वाले समय में केंद्र सरकार कोयला का उत्पादन बढ़ाने और न्यूनतम आयात करने पर जोर दे रही है। उक्त बातें केंद्रीय खनन एवं कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी ने लोकसभा में कही। वे रांची के सांसद संजय सेठ के सवाल का लोकसभा में जवाब दे रहे थे।
सांसद ने सरकार से यह जानना चाहा था कि देश में कोयले के उत्पादन की क्या स्थिति है? वार्षिक उत्पादन कितना है और सरकार ने उपलब्धियों को हासिल करने के लिए क्या रूपरेखा तय की है? सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वर्ष 2019-20 में कोयले की वास्तविक मांग और आपूर्ति 955 मिलियन टन है। इसके अलावे बीते 3 वर्षों में देश में कोयले का उत्पादन जबरदस्त रूप से बढ़ा है। वर्ष 2019-20 में 52 मिलियन टन कोकिंग और 677 मिलियन टर्न नन कोकिंग कोयले का उत्पादन हुआ है। इस वर्ष कुल 730 मिलियन टन कोयले का उत्पादन किया गया है।
जोशी ने बताया कि कोयले के उत्पादन को बढ़ाने के लिए कोल इंडिया ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाएं हैं। इसमें शेड्यूल के अनुसार लक्षित उत्पादन प्राप्त करने के लिए जितनी परियोजनाएं चल रही है, उनका समयबद्ध रूप में क्रियान्वयन सुनिश्चित किया गया है। इसके अलावा खान विकासकर्ता और प्रचालक द्वारा प्रचारित किए जाने वाले लगभग 160 एमटीवाई क्षमता की 15 ग्रीन फील्ड परियोजनाओं की पहचान की गई है।
भूमिगत खानों में बेल्ट कन्वेयर के साथ संयोजन में साइड डिस्चार्ज लोडर हॉल डंप लोडिंग की शुरुआत करके मैनुअल लोडिंग पद्धति को समाप्त किया गया है। इसका लाभ यह हुआ कि अधिक से अधिक कोयले का खनन हो पा रहा है। प्रचालन दक्षता में सुधार करने और पर्यावरणीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए ओपन कास्ट खानों में सर्फेस माइनर्स की शुरुआत की गई है। इस तरह के कई अन्य कदम केंद्र सरकार ने उठाए हैं ताकि अनुमानित कोयले के उत्पादन लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके।
केंद्र सरकार का ध्यान अधिक से अधिक कोयला ब्लॉक के आवंटन पर है। कोयले के खनन के लिए भूमि अधिग्रहण में राज्य सरकार के साथ समन्वय स्थापित कर कार्रवाई करने के क्षेत्र में सरकार काम कर रही है। सरकार का ध्यान कोयले की ढुलाई के लिए रेलवे के साथ संबंधित प्रयास के जरिए घरेलू कोयला उत्पादन की वृद्धि पर है। घरेलू उत्पादन में वृद्धि करने के लिए नए आवंटित कैपटिव कोयला ब्लॉकों को कोयला उत्पादन के 25% कोयले की बिक्री की अनुमति दी गई है।
जोशी ने यह भी बताया कि बीते साल विश्व के अलग-अलग देशों से 248 मिलियन टन कोयले का आयात किया गया है। सरकार द्वारा 100% विदेशी निवेश, जो प्रत्यक्ष रूप से हो, उसके प्रावधान व वाणिज्य खनन की अनुमति दी जाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है, ताकि देश के कोयला उत्पादन में बढ़ोतरी हो सके।