हड़ताल में बैंक कर्मियों ने दिखाई एकजुटता, केंद्र सरकार को चेताया

झारखंड
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रांची। यूनाईटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) के आह्वान पर आहूत दो दिवसीय हड़ताल में बैंक कर्मियों ने एकजुटता दिखाई। केंद्र सरकार को चेताया। हठधर्मिता छोड़कर निजीकरण का प्रस्‍ताव वापस लेने की मांग की। इसपर अडिग रहने पर आने वाले दिनों में और भी तीव्र आंदोलन करने की बात कही।

लगातार 15 और 16 मार्च को देश के लगभग 10 लाख से ज्यादा कर्मचारी एवं अधिकारी हड़ताल पर रहे। हड़ताल में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक और कई जगहों पर निजी क्षेत्र की बैंक भी बंद रहे। हड़ताल के कारण सभी शाखा एवं प्रशासनिक कार्यालयों पर ताले लटकते रहे। कामकाज ठप रहा।

यूनियन के संयुक्‍त संयोजक एमएल सिंह ने कहा कि हड़ताल का मुख्य मुद्दा केंद्र सरकार द्वारा सरकारी बैंकों के निजीकरण का प्रस्ताव और बैंकिंग सुधार के नाम पर जनविरोधी कार्यप्रणाली है। इस हड़ताल को केंद्रीय और राज्य स्तर पर कई श्रमिक संगठन, फेडरेशनों के साथ किसान मोर्चा ने भी अपना समर्थन दिया। उनका भी मानना है कि केंद्र सरकार की यह जन, मजदूर और राष्ट्र विरोधी पहल है।

यूनियन के सदस्‍यों के मुताबिक सोमवार की तरह मंगलवार को भी बैंक की शाखाओं एवं प्रशासनिक कार्यालय के समक्ष बैंककर्मियों ने प्रदर्शन किया और धरना दिया। इस हड़ताल में महिलाकर्मियों के अलावे ग्राहकों एवं आम जनता का भरपूर सहयोग मिला।

श्री सिंह के मुताबिक आज भी झारखंड के सभी जिलों में सार्वजनिक क्षेत्र सहित ग्रामीण क्षेत्र के बैंकों की शाखाएं और प्रशासनिक कार्यालय की शाखाएं बंद रहे। सभी जगह प्रदर्शन हुए। कुछ जगह पर बैंककर्मियों ने रैली भी निकाली। हड़ताल को संयुक्त किसान मोर्चा, केंद्रीय श्रमिक संगठन एवं फेडरेशनों के अलावे वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ ट्रेड यूनियन ने भी समर्थन दिया।

यूनियन के सदस्‍यों ने केंद्र सरकार से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण करने के प्रस्ताव को तत्काल वापस लेने की मांग की है। उन्‍होंने कहा कि यदि केंद्र की सरकार अपनी हठधर्मिता पर अडिग रही तो आने वाले दिनों में और भी तीव्र आंदोलन होगा। इसकी पूर्ण जवाबदेही केंद्र सरकार की होगी।

सदस्‍यों ने क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के कर्मचारी और अधिकारियों के 11वें द्विपक्षीय समझौते एवं 8वें ज्वाइंट नोट से संबंधित वेतन समझौता को अविलंब लागू करने की मांग की। क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के निजीकरण के प्रस्ताव को वापस लेने की बात कही।

सीटू ने बैंक कर्मियों को बधाई दी

सीटू की झारखंड राज्य कमेटी ने 15 और 16 मार्च को बैंकिंग सेक्टर में सफल हड़ताल के लिए बैंक कर्मी और अधिकारियों के संयुक्त मंच यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियंस को बधाई दी। सीटू के महासचिव प्रकाश विप्‍लव ने कहा कि झारखंड में हड़ताल असरदार रही। यह संयुक्त और सफल हड़ताल केंद्र सरकार के कारपोरेट परस्त नीतियों के खिलाफ बैंक कर्मचारियों के आक्रोश का इजहार है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का निजीकरण हमारी अर्थव्यवस्था में वित्तीय क्षेत्र की आत्मनिर्भरता को समाप्त करेगा। आम जनता की गाढी कमाई की जमा राशि की सुरक्षा भी अंधकार में रहेगा। 

सीटू ने निजीकरण के खिलाफ इंश्योरेंस सेक्टर की 17 और 18 मार्च की देशव्यापी हड़ताल का भी समर्थन कि‍या है। झारखंड में अपनी सभी यूनियनों को आह्वान कि‍या है कि इस हड़ताल के साथ एकजुटता प्रदर्शित करे।