रांची। सिग्नल प्रणाली ट्रेनों की सुरक्षित एवं तीव्र गति से संचालन की कुंजी है। इसके द्वारा ट्रेन के चालक को रेल पथ के आगे की दशा की जानकारी दी जाती है। रांची रेल मंडल के रांची, नामकुम एवं टाटीसिल्वे स्टेशनों के बीच सिगनलिंग की आधुनिक प्रणाली ऑटोमेटिक सिगनलिंग प्रणाली लगाने का कार्य आज पूरा कर लिया गया।
इस प्रणाली में पूरे रेल पथ (ट्रैक) मैं ट्रैक सर्किट या मल्टी सेक्शन डिजिटल एक्सेल काउंटर लगाया जाता है। दो स्टेशनों के बीच के रेल पथ को विभिन्न सेक्शनों में विभाजित किया जाता है।
ऑटोमेटिक सिगनलिंग प्रणाली द्वारा संरक्षा में वृद्धि होती है। स्टेशनों की लाइन कैपेसिटी बढ़ती है। सेक्शन अधिक गाड़ियों के परिचालन के अनुकूल होता है। इस सिगनलिंग प्रणाली के साथ-साथ चार नए गुमटी भी बनाए गए हैं। इनमें डाटा लॉगर लगे हैं, जिनके द्वारा ट्रेनों की वर्तमान स्थिति की जानकारी मिल सकेगी।
रांची नामकुम के बीच दोनों दिशाओं में एक-एक सिग्नल और नामकुम एवं टाटीसिलवे के बीच दोनों दिशाओं में तीन-तीन ऑटोमेटिक सिग्नल लगाए गए हैं।
रांची रेल मंडल में ऑटोमेटिक सिग्नल प्रणाली पहली बार लगाई गई है। इसके अलावा दक्षिण पूर्व रेलवे के 4 सेक्शनों खड़कपुर – टिकियापाड़ा, टाटानगर- राजखरसावां, गम्हरिया-विराजपुर एवं कांड्रा-चांडिल सेक्शन में ही ऑटोमेटिक सिग्नल प्रणाली कार्यरत है।
ऑटोमेटिक सिग्नल प्रणाली लगाए जाने के अवसर पर अपर मंडल रेल प्रबंधक परिचालन एमएम पंडित, वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक सह मुख्य जनसंपर्क अधिकारी नीरज कुमार, वरिष्ठ मंडल सिग्नल एवं दूरसंचार अभियंता एस उरांव, मंडल विद्युत अभियंता (परिचालन) दीपांजल सरकार, सहायक परिचालन प्रबंधक विभूति नारायण शर्मा एवं अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।