देश के छह राज्यों के 67 कोल ब्लॉक के लिए शुरू हुई नीलामी

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नई दिल्ली। वाणिज्यिक कोयला खनन के लिए दूसरे भाग की नीलामी प्रारंभ की। इसमें 67 खदानों की पेशकश की गई है। 2014 से नीलामी व्‍यवस्‍था प्रारंभ होने के बाद से किसी भाग में यह खदानों की सबसे अधिक संख्‍या में नीलामी की पेशकश की गई है। नई दिल्‍ली में आयोजित एक कार्यक्रम में केंद्रीय कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी ने नीलामी प्रक्रिया लॉन्‍च की। इस अवसर पर नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत और कोयला सचिव अनिल कुमार जैन उपस्थित थे।

कोयला मंत्रालय द्वारा नीलामी के लिए पेश 67 खदानों में से 23 खदान सीएम (एसपी अधिनियम कें अंतर्गत और 44 खदान एमएमडीआर अधिनियम के अंतर्गत आते हैं।) इसमें छोटे और बड़े, कोकिंग और गैर-कोकिंग खदान और पूरी तरह या आंशिक रूप से खोजे गए खदान हैं। ये खदानें छह राज्‍यों (छत्‍तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, मध्‍य प्रदेश, महाराष्‍ट्र और आंध्रप्रदेश) में फैले हैं।

नीलामी प्रक्रिया लॉन्‍च करते हुए प्रहलाद जोशी ने कहा कि हम कोयले को देश में आर्थिक गतिविधियों का प्रेरक बना रहे हैं। भारतीय कोयला क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। इसलिए मैं निवेशकों को आने और देश में कोयला भंडारों का पता लगाने में हिस्‍सा बनने का आमंत्रण देता हूं। आप अपना व्‍यवसाय बढाएं और भारत को विकास की राह पर ले जाएं।

जोशी ने कहा कि वाणिज्यिक कोयला खनन से नया निवेश आएगा, रोजगार के बड़े अवसर पैदा होंगे और कोयला उत्‍पादक राज्‍यों में सामाजिक, आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। उन्‍होंने कहा कि बाजार आधारित कोयला अर्थव्‍यवस्‍था देश को कोयला क्षेत्र में आत्‍मनिर्भर बनाने में मदद देगी।

कोयला मंत्री ने कहा कि अतीत की सफलता को देखते हुए सरकार भविष्‍य की नीलामियों के लिए ‘रॉलिंग ऑक्‍शन’ व्‍यवस्‍था अपनाने की दिशा में बढ़ रही है। कोयला पहला खनिज संसाधन है जिसमें रॉलिंग ऑक्‍शन व्‍यवस्‍था लागू की जा रही है। इस व्‍यवस्‍था में कोल ब्‍लॉकों का पूल नीलामी के लिए हमेशा उपलब्‍ध रहेगा।

नीति आयोग के सीईओ ने कहा कि वाणिज्यिक कोयला खनन को प्रारंभ करना देश के कोयला क्षेत्र में उठाया गया सर्वाधिक क्रांतिकारी और प्रगतिशील कदम है। इससे अग्रणी खननकर्ता नवीनतम टेक्‍नोलॉजी लाएंगे और भारतीय कोयला क्षेत्र में लागत स्‍पर्धा आएगी। उन्‍होंने कहा कि भारतीय कोयला क्षेत्र उत्‍पादकता और आधुनिकीकरण में बड़े पैमाने पर सुधार देखेगा।

कोयला सचिव अनिल कुमार जैन ने कहा कि नीलामी के इस भाग में पर्यावरण संरक्षण पर विशेष बल दिया गया है। कोल ब्‍लॉक उन क्षेत्रों में चुने गए हैं जहां वन क्षेत्र कम है और कोयले की गुणवत्‍ता अच्‍छी है, खदान अवसंरचना तथा बसी आबादियों के निकट हैं। उन्‍होंने कहा कि अधिक कोकिंग कोल खदानों की पेशकश की गई है ताकि कोकिंग कोल के निर्यात पर भारत की निर्भरता कम की जा सके।

नीलामी के पहले भाग में पिछले वर्ष 19 खदानों की सफलतापूर्वक नीलामी की गई। इसमें सफल बोलीकर्ताओं द्वारा 9.5 प्रतिशत से 66.75 प्रतिशत तक प्रीमियम कोट किया गया है। 51 मिलियन टन प्रतिवर्ष (एमटीपीए) की शीर्ष उत्‍पादन क्षमता को देखते हुए इन नीलामियों से राज्‍यों को 7,000 करोड़ रुपये का राजस्‍व प्राप्‍त होगा।