अयोध्या। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या के रामकथा संग्राहलय में रविवार को विकास कार्यों को लेकर समीक्षा बैठक की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि मौजूदा परियोजना को वर्ल्ड क्लास सिटी बनाने के लिए समयबद्ध ढंग से आगे बढ़ाया जाए तथा इसके लिए शासन स्तर पर कन्सलटेंसी का चयन किया जा रहा है। उन कन्सलटेंसी द्वारा भी आप लोगों से विभागीय परियोजनाओं की जानकारी ली जायेगी। इसलिए उसको गुणवत्ता के साथ आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। अयोध्या के निर्माण में केवल निर्माण ही नहीं उसके वास्तु सांस्कृतिक महत्व श्रद्धालुओं को केन्द्र मानकर कार्य करना होगा।
उन्होंने कहा कि नगर विकास, विकास प्रधिकरण दोनों मिलकर शहर के साफ-सफाई, सीवर, जल निकासी, स्वच्छता, पेयजल आदि मानकों को पूरा करें। अयोध्या को आकर्षण का केन्द्र बनाने के लिए धर्मशालाओं, पुराने मंदिरों को सन्तों से समन्वय कर उसके जीर्णोद्धार और श्रद्धालुओं के लिए मंदिरों में भी सुविधा बढ़ाने हेतु आवयक कार्य करने को कहा। अयोध्या के सुरक्षा सम्बन्धी मानको में जो निर्णय हुआ है उसको तत्काल अमल में लाया जाये। श्री रामजन्म भूमि कन्ट्रोल के लिए 12000 वर्ग मीटर जमीन की तत्काल व्यवस्था किया जाये।
उन्होंनेे कहा कि अयोध्या के विकास में प्रधानमंत्री की स्पष्ट सोच व दृष्टि है। उसके अनुरूप अयोध्या को विकास के नये सोपान तक पहुंचाने की कार्यवाही की जाए जो अयोध्या के विकास में लगभग 795 दुकानों प्रभावित हो रही हैं। उसके लिए पुर्नस्थापाना की कार्यवाही करते हुए आवयक कार्यवाही की जाये। भगवान राम के नाम पर बन रहे हवाई अड्डे को तत्काल प्रारम्भ करने के लिए केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय से आवयक कार्यवाही कराते हुए पूरा किया जाए। रामायण कालीन वनस्पति लगभग 88 चिन्हित किये गये हैं। उसमें वन एवं उद्यान विभाग बेहतर समन्वय करके 84 कोसी, 14 कोसी एवं पंचकोसी मार्गों पर पौधरोपण किया जाए और विभिन्न स्थानों पर उन पौधे का उपवन एवं उद्यान भी बनाया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि परिक्रमा केवल परिक्रमा ही नहीं है श्रद्धा एवं आस्था का केन्द्र है। लोगों को आम सुविधा भी दिया जाए तथा ऐसी व्यवस्था की जाए कि जो नंगे पाव चलें उन्हें दिक्कत न हो। परिवहन विभाग अपने पुराने ढर्रे पर कार्य न करे। थ्री पीपी माडल या सरकारी निर्माण से एयरपोर्ट सुविधा युक्त शहर के लगभग 04 मार्गों में बस अड्डा एवं पार्किंग स्थल बनाया जाए।