वेटनरी, डेयरी टेक्नोलॉजी व फिशरीज साइंस की ऑनलाइन कक्षा 12 फरवरी से

झारखंड शिक्षा
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  • छात्रों को संयमित, अनुशासित व संकल्पित होने की जरूरत : कुलपति

रांची। बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के वेटनरी संकाय के तीन महाविद्यालयों के स्नातक पाठ्यक्रम वर्ष 2020-21 में नामांकन कराये छात्रों के लिए गुरूवार को ओरिएंटेशन और रजिस्ट्रेशन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कोविड-19 के मद्देनजर दिये गये दिशा-निर्देश का पालन किया गया। कॉलेज की स्थानीय छात्राओं ने पुष्प भेंट कर और स्वागत-गान से नये छात्र-छात्राओं का स्वागत किया। 

मुख्य अतिथि कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने वेटनरी, डेयरी टेक्नोलॉजी और फिशरीज साइंस महाविद्यालयों में नामांकित नये छात्रों को एक-दूसरे से, अन्य राज्यों के छात्रों से और शिक्षकों से लगाव तथा सौहार्द माहौल में अध्ययन करने की सीख दी। उन्‍होंने कहा कि आपने जीवन के एक महत्वपूर्ण पड़ाव में कदम रखा है। जहां सफलता हासिल करने के लिए छात्रों को स्वंय को अच्छा बनाते हुए संयमित, अनुशासित व संकल्पित छात्र-जीवन को अपनाने की जरूरत होगी। मेडिकल साइंस की अपेक्षा वेटनरी साइंस चुनौती भरा विषय है। इसमें एक मूक प्राणी की चिकित्सा के लिए ज्यादा मेहनत करनी होगी। देश एवं समाज की आर्थिक समृद्धि के साथ पशुपालन एवं पशुचिकित्सा के क्षेत्र में अनेकों बेहतर अवसरों का मार्ग सुगम हो चला है।

मौके पर डीन वेटनरी डॉ सुशील प्रसाद ने वेटनरी, डेयरी टेक्नोलॉजी और फिशरीज साइंस विषयों की रूपरेखा, महत्‍व एवं अवसरों के बारे में बताया। छात्रों को 12 फरवरी से क्लास रूटीन के अनुरूप ऑनलाइन कक्षा में शामिल होने और न्यूनतम 75 प्रतिशत उपस्थिति को अनिवार्य बताया। कहा कि पूरे भारत में एक समान वेटनरी शिक्षा प्रणाली लागू है। यह वेटनरी कौंसिल ऑफ इंडिया से निर्देशित पाठ्यक्रम है। साढ़े चार वर्षीय पूर्णतः आवासीय शिक्षा प्रणाली के तहत पशुओं की छह प्रमुख प्रजाति एवं अन्य पशुओं के प्रबंधन व चिकित्सा के सभी विषयों की शिक्षा दी जाती है। बताया कि 1961 में स्थापित इस महाविद्यालय से अबतक 1688 छात्रों ने स्नातक, करीब 500 छात्रों ने स्नातकोत्तर व 98 छात्रों ने पीएचडी की उपाधि प्राप्त की है।

डीन पीजी डॉ एमके गुप्ता ने कहा कि सभी नव नामांकित छात्र-छात्राएं झारखंड के एकमात्र तकनीकी महाविद्यालय का प्रतिनिधित्व करने जा रहे है। सभी छात्र पशु चिकित्सा क्षेत्र के स्टेट एम्बेसडर है। पशुधन सेवा के क्षेत्र में राज्य को आपकी जरूरत है। आपका व्यवहार आदर्श होना चाहिए।

मौके पर एसोसिएट डीन (फिशरीज साइंस) डॉ एके सिंह और एसोसिएट डीन (डेयरी टेक्नोलॉजी) डॉ एके पांडे ने पाठ्यक्रम विषयों की रूपरेखा, महत्‍व एवं रोजगार के अवसरों की जानकारी दी। कार्यक्रम का संचालन संकाय के कुलसचिव डॉ सुरेश मेहता ने कि‍या। समारोह में तीनों महाविद्यालय के नव नामांकित 74 छात्र-छात्राओं के साथ अभिवावकों ने भी भाग लिया। मौके पर डॉ राजू प्रसाद, डॉ नंदिनी कुमार व अन्य शिक्षक भी मौजूद थे।