भीख मांगने को दंडनीय अपराध घोषित करने के मामले में गुजरात, महाराष्ट्र समेत 5 राज्यों को नोटिस

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने भीख मांगने को दंडनीय अपराध घोषित करने वाले कानूनों की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए गुजरात, महाराष्ट्र समेत पांच राज्यों को नोटिस जारी किया है। 

याचिका विशाल पाठक ने दायर की है। याचिका में पंजाब प्रिवेंशन ऑफ बेगरी एक्ट, बॉम्बे प्रिवेंशन ऑफ बेगिंग एक्ट के प्रावधानों को चुनौती दी गई है। इन कानूनों में भीख मांगते हुए पहली बार पकड़े जाने पर 3 साल तक की सजा का प्रावधान है। दोबारा पकड़े जाने पर यह सजा बढ़ सकती है। याचिकाकर्ता ने गुजरात, महाराष्ट्र, पंजाब, हरियाणा और बिहार के कानूनों को चुनौती देते हुए उन्हें जीवन के अधिकार का हनन करने वाला बताया है। 

याचिका में कहा गया है कि ये कानून समाज के सबसे निर्धन और कमजोर लोगों के शोषण का हथियार बने हुए हैं। पुलिस इसके जरिए इन लोगों को परेशान करती है। कानून में भिखारियों को सजा देने की बजाय उनके पुनर्वास का भी प्रावधान है, लेकिन सजा के डर से भिखारी उनके लिए बने बेगर होम में जाने को तैयार नहीं होते।