Good News : कभी दूसरों के यहां करते थे मजदूरी, आज लोगों को दे रहे रोजगार

झारखंड
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जमशेदपुर। कभी दूसरों के यहां मजदूरी करते थे। परिवार का पालन-पोषण करते थे। आज खुद कई लोगों को रोजगार दे रहे हैं। यह कहानी है अतंर्राज्यीय मछली बीज विक्रेता और मछली उत्पादक स्वप्न कैवर्त की। वे मत्स्य बीज उत्पादन कर सालाना लाखों की आमदनी कर रहे हैं।

वर्ष 2006 में मत्स्य पालन से जुड़े

पटमदा प्रखंड के बिडरा ग्राम के रहने वाले स्वप्न कैवर्त मछली बीज उत्पादन एवं मछली पालन में आज जाना पहचाना नाम हैं। मजदूरी का काम करने वाले स्वप्न वर्ष 2006 से जिला मत्स्य विभाग से जुड़े। इसके बाद उन्होने मछली बीज उत्पादन एवं मछली पालन के स्वरोजगार को अपनाते हुए अपनी सफलता की कहानी खुद लिखी।

मत्स्य बीज उत्पादन का प्रशिक्षण लिया

स्वप्न बताते हैं कि मत्स्य विभाग से जुड़ने के बाद उन्होंने रांची से मत्स्य बीज उत्पादन का प्रशिक्षण प्राप्त किया। इसके बाद उन्होने मत्स्य विभाग की बीज उत्पादन योजना से जुड़कर शुरुआत में लीज पर एक तालाब लेकर बीज उत्पादन का कार्य शुरू किया। पहले साल ही उन्हें लगभग 30,000 रुपये की आमदनी हुई। स्वप्न कहते हैं कि इस रोजगार से जुड़ने के पहले बाजार की मांग और मछली उत्पादन को लेकर जानकारी नहीं थी। जिला मत्स्य विभाग से निरंतर मिली तकनीकी जानकारी और सहयोग से आज उनका व्यवसाय काफी लाभकारी साबित हो रहा है।

10-15 लोगों को उपलब्ध कराया रोजगार

स्वप्न कैवर्त बताते हैं कि पहले साल की आमदनी को देखते हुए उन्होंने इस काम को विस्तार देने का प्लान बनाया। एक तालाब से शुरू किए गए काम को बढ़ाकर आज लगभग छोटा और बड़ा 20-22 तालाब लीज पर लेकर मछली बीज उत्पादन एवं मछली पालन करते हैं। 10-15 लोगों को रोजगार भी उपलब्ध कराया है। स्वप्न कहते हैं कि उनके काम में उनका बेटा बिपिन भी सहयोग करता है, जिससे वे स्थानीय बाजार पटमदा, कटिंग, जमशेदपुर व पश्चिम बंगाल अंतर्गत पुरुलिया जिला के बांदुआन में नियमित मछली भेजते हैं।

कई राज्यों में करते हैं मछली बीज आपूर्ति

वर्तमान में वे झारखंड के विभिन्न जिलों में मत्स्य बीज आपूर्ति के अलावा पड़ोसी राज्य ओड़िशा, बिहार, पश्चिम बंगाल में भी बीज आपूर्ति कर रहे हैं। स्वप्न बताते हैं कि मछली बीज उत्पादन से वह सालाना लगभग 10 लाख रुपये की आमदनी कर लेते हैं। आज उनके पास लीज के तालाब के अलावा एक अपना तालाब भी है। सभी तालाब में रेहू, कतला, मिरगल, ग्लास कप, सिलवर कप आदि मछली के बीच का उत्पादन किया जाता है।