रूस में बर्ड फ्लू से इंसानों के संक्रमण का पहला मामला सामने आया

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मॉस्को। रूस में बर्ड फ्लू वायरस से इंसान के संक्रमित होने का पहला मामला सामने आया है। लोगों के स्वास्थ्य पर नजर रखने वाली संस्था रोसपोट्रेबनाजोर की प्रमुख अन्ना पोपोवा ने बताया कि एवियन एन्फ्लूएंजा ए वायरस के एच5एन8 स्ट्रेन से एक पॉल्ट्री में काम करने वाले सात लोग संक्रमित पाए गए है। इसकी जानकारी विश्व स्वास्थ्य संगठन को दी गई है।

पहली बार इंसान में पाया गया यह वायरस 

हालांकि समाचार एजेंसी रॉयटर की गुजारिश पर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अभी इस घटना पर अपनी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। रूस के साथ ही यूरोप, चीन, उत्तरी अफ्रीका और पश्चिमी एशिया में यह वायरस अभी तक सिर्फ पॉल्ट्री में पाया गया था। यह पहली बार है जब इस वायरस को इंसान में पाया गया है।

संक्रमितों को किया गयाा आइसोलेट 

पोपोवा ने बताया कि रूस के दक्षिण में एक पॉल्ट्री फार्म के सात कर्मचारियों को संक्रमित होने के बाद आइसोलेट कर दिया है। इस इलाके में पिछले साल दिसंबर में बर्ड फ्लू का कहर देखा गया था। संक्रमितों के संपर्क में आने वाले लोगों की पहचान की जा रही है। उन्होंने कहा कि सभी सातों लोग ठीक महसूस कर रहे हैं और स्थिति नियंत्रण में हैं।

बर्ड फ्लू के अन्‍य वैरिएंट

एवियन एन्फ्लूएंजा के अन्‍य वैरिएंट में एच5एन1, एच7एन9  और एच9एन2  शामिल हैं। पोपोवा ने बताया कि एच5एन8 स्ट्रेन से इंसानों के संक्रमित होने की इस घटना को कई दिन हो चुके हैं लेकिन अब जांच नतीजों की मुकम्‍मल छानबीन के बाद इस बारे में बताया जा रहा है।

रोसपोट्रेबनाजोर की प्रमुख अन्ना पोपोवा  ने बताया कि अभी तक इस वायरस के इंसान से इंसान के बीच संक्रमण के लक्षण सामने नहीं आए हैं। संक्रमण के शिकार अधिकांश लोग पोल्ट्री फार्म के साथ सीधे जुड़े हुए पाए गए हैं। हालांकि अभी तक ठीक से पका हुए चिकन को सुरक्षित माना जाता रहा है। बर्ड फ्लू के वायरस के प्रकोप फैलने से रोकने के लिए अक्सर पोल्ट्री फार्मों में पल रहे पक्षियों को मार दिया जाता है। देखा गया है कि बर्ड फ्लू के अधिकांश मामले जंगली पक्षियों के प्रवास से फैलते हैं।