किसान ने चुनौती को अवसर में बदला, अब हो रही बेहतर आमदनी

कृषि झारखंड
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जमशेदपुर। कोरोना और लॉकडाउन सभी के लिए चुनौती लेकर आया। कुछ ने इस चुनौती को अवसर में बदल दिया। आज वे बेहतर आमदनी कर रहे हैं। ऐसे ही एक किसान हैं जिले के पोटका के गुमदी मुर्मू।

मनरेगा योजना के तहत खेत में बनाया डोभा

पोटका प्रखंड की हरिणा पंचायत के मागड़ु (चिरूगोड़ा) गांव के प्रगतिशील किसान गुमदी मुर्मू ने कोरोना काल में सरकार की जनकल्याणकारी योजना का लाभ लेते हुए 28, 729 रुपये से अपने खेत में (30x30x10) का डोभा बनाया। मई में मनरेगा के तहत डोभा बनाने का काम शुरू हुआ, जिसे जल्द ही पूरा भी कर लिया गया।

स्वरोजगार के लिए उठाया यह कदम

गुमदी मुर्मू बताते हैं कि लॉकडाउन के समय में राज्य सरकार ने स्वरोजगार उपलब्ध कराने के लिए कई योजनाओं की शुरुआत की थी। इसकी जानकारी जिला और प्रखंड प्रशासन से मिलती रहती थी। उसे स्वरोजगार के लिए अपने खेत में डोभा निर्माण कराना उचित लगा। उन्होंने कोरोनाकाल में अपने घर के समीप बनाये गये डोभा को ना केवल बहुपयोगी बनाया, बल्कि उसमें कारोबार शुरू किया। इससे अमदनी भी होने लगी है।

मछली- बत्तख पालन के साथ सब्जी की खेती

किसान गुमदी मुर्मू बताते हैं कि योजना के पूर्ण होते ही उन्होंने सबसे पहले डोभा में पानी भरकर मछली पालन शुरू किया। इसके बाद बत्तख पालन और नवंबर से 5 एकड़ जमीन में सब्जी और गन्ना की खेती कर रहे हैं। डोभा में 320 मछली का बीजा डाले थे, जिसमें मछलियां फिलहाल एक-एक किलो की हो गई हैं। बत्तख के छोटे-छोटे बच्चे बड़े हो गये है। गन्ना, बैगन, टमाटर, आलु, धनिया, प्याज, सरसों, गोभी खेत में लहलहा रहे है। सब्जी की खेती से आमदनी हो गई है।

कोरोनाकाल में काम भी मिला, अब आमदनी हो रही

हरिणा पंचायत की पूर्व मुखिया सरस्वती मुर्मू कहती है कि कोरोनाकाल में लोगों को रोजगार देने के उद्देश्य से राज्य सरकार की कई जनकल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर उतारा गया। इसमें पोटो हो खेल मैदान, बिरसा हरित क्रांति, नीलांबर पीतांबर जल समृद्धि योजना, डोभा निर्माण आदि पंचायत एवं ग्राम स्तर पर चल रही है। इसी क्रम में किसान गुमदी मुर्मू ने डोभा निर्माण कराया था। डोभा निर्माण में एक तरफ स्थानीय मजदूरों को रोजगार मिला, गुमदी ने डोभा बनाने के बाद मछली व बत्तख पालन और खेती शुरू किया।

किसान योजना का लाभ लेकर कर सकते हैं आमदनी

गुमदी मुर्मू कहते हैं कि सरकार की कोई भी योजना गरीब, किसान, वंचितों को ध्यान में रखकर ही बनाई जाती होगी। ऐसे में जरूरत हैं कि हम सभी जागरूक होकर उन योजनाओं का लाभ लें। गुमदी कहते हैं कि पहले उनका प्लान डोभा में मछली व बत्तख पालन ही करने का था। फिर, आसपास के खेतों में सिंचाई की सुविधा देखते हुए 5 एकड़ में सब्जी व गन्ना की भी खेती शुरू कर दी। इससे आने वाले समय में लाखों का कारोबार किया जा सकेगा। फायदा अभी से दिखने लगा है।