विवेक चौबे
गढ़वा। आपने नहर में कभी घर बनते सुना हैं। यह अटपटा सा लगता है। हालांकि यकीन करें। यह बात पूरी तरह सच है। यह दृश्य देखना चाहते हैं तो गढ़वा के कांडी प्रखंड आना होगा।
भवनाथपुर विधानसभा अंतर्गत एक नहर फुलवार से कवलदाग डैम होते हुए दारीदह तक जाती है। इसकी लंबाई करीब 23 किलोमीटर है। यह नहर कभी यहां के किसानों के जीवन का आधार माना जाता था। इससे सैकड़ों किसानों को सिंचाई के लिए भरपूर पानी मिलता था। खेतों में फसल लहलहाती थी। अब स्थिति ऐसी हो गई है कि ना तो इसमें पानी है और ना ही कहीं नहर का कोई पता है।
उक्त नहर को बनाने का कार्य वर्ष 1960 में चालू किया गया था। वर्ष 1964 से उक्त नहर के माध्यम से किसानों को सिंचाई के लिए पानी भी मिलने लगा। हालांकि उक्त नहर को पूरा होने में काफी समय भी लगा। अब तक नहर को बने करीब 60 साल बीत गये, किन्तु आज तक इसका पक्कीकरण नहीं हो पाया। आज स्थिति यह है कि ना तो कहीं नहर का पता है, ना ही इसमें पानी है।
नव झारखंड फाउंडेशन के राष्ट्रीय महासचिव उमेश कुमार सिंह ने बताया कि उक्त नहर पर कई लोगों ने कब्जा जमा लिया है। कहीं कहीं तो मकान तक बना लिया गया है। उन्होंने संबंधित अधिकारी और राजनेताओं से मांग की है कि वे किसानों के जीवन का आधार माने जाने वाला उक्त नहर की दशा को दुरुस्त करें। जल्द से जल्द इस पर दिशा में काम शुरू करें, जिससे किसानों को पूर्ण रूप से सिंचाई के लिए पानी मिल सके।
श्री सिंह ने कहा कि शीघ्र इस दिशा में कार्रवाई नहीं होने पर बाध्य होकर नव झारखंड फाउंडेशन के अलावे क्षेत्र की जनता आंदोलन करने को मजबूर हो जायेगी। उन्होंने सांसद बीडी राम, भवनाथपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक भानु प्रताप शाही, उपायुक्त राजेश पाठक व कांडी प्रखंड विकास पदाधिकारी सह अंचलाधिकारी जोहन टुड्डू से भी नहर पर कब्जा जमाने वाले लोगों के विरुद्ध उचित कार्रवाई करने की मांग की। साथ ही उक्त नहर का पक्कीकरण करने की भी मांग की है।