राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय का 61वां अकादमिक सत्र शुरू

देश नई दिल्ली
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– बढ़ी हुईं सीटों में से ज्यादातर मित्र देशों के अधिकारियों को आवंटित की गईं 

नई दिल्ली।​ राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय (एनडीसी) का 61वां अकादमिक सत्र एक फरवरी से शुरू हो गया है। इस सत्र में 110 प्रतिभागी शामिल हुए हैं। इस बार इनकी संख्या पिछले सत्र से दस ज्यादा है। बढ़ी हुई सीटों में से ज्यादातर सीटें मित्र देशों के अधिकारियों को आवंटित की गई हैं। 
उज्बेकिस्तान, ताजिकिस्तान, फिलीपींस और मालदीव के अधिकारी काफी अंतराल के बाद इसमें भाग ले रहे हैं।

एनडीसी में भ​​र्ती लेने वाले मित्र देशों के प्रतिभागी अपने देश की क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय कूटनीतिक गतिविधियों के प्रतिनिधि हैं। इस बार एनडीसी में दक्षिण अमेरिका को छोड़कर सभी महाद्वीपों के प्रतिभागियों को शामिल किया गया है। हालांकि, पिछले एनडीसी पाठ्यक्रम में दक्षिण अमेरिका (ब्राजील) से एक प्रतिभागी ने हिस्सा लिया था।

पहला एनडीसी पाठ्यक्रम 1960 में आयोजित किया गया था। फिलहाल इस महाविद्यालय के पूर्व छात्रों की कुल संख्या 3,899 है, जिनमें 69 मित्र देशों के 835 पूर्व छात्र भी शामिल हैं। एनडीसी में सिविल सेवा के लिए दो रिक्तियां बढ़ाई गई हैं। 61वें सत्र में सिविल सेवा के लिए वर्तमान रिक्तियां 19 हैं।​ ​एनडीसी कमांडेंट, एयर मार्शल डी चौधरी ने 61 वें सत्र में विदेशी अधिकारियों की बढ़ती संख्या का स्वागत करते हुए विश्वास व्यक्त किया कि एनडीसी पिछले वर्षों की चुनौतियों को अवसरों में परिवर्तित करने में सक्षम होगा। उन्होंने कहा कि हाल ही में एनडीसी में ‘राष्ट्रीय सुरक्षा पर उत्कृष्टता की पीठ का गठन कालेज के महत्व को और भी बढ़ाएगा।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 02 ​नवम्बर​, 2020 को राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय के हीरक जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में इस पीठ की स्थापना को मंजूरी दी थी। एयर वाइस मार्शल डॉ​.​ अर्जुन सुब्रमण्यम, एवीएसएम (सेवानिवृत्त) को इस प्रतिष्ठित पीठ का पहला अध्यक्ष नियु​क्त किया गया​ है​।