59 वर्षीय हंसराज को म‍िली पत्रकारिता में पीएचडी की डिग्री

देश नई दिल्ली
Spread the love

नई दिल्‍ली। पढ़ने और पढ़ाने की कोई उम्र नहीं होती, यह सब कुछ कर दिखाया है हंसराज ने, जिन्हें 59 साल की उम्र में पीएचडी की डिग्री मिली है। डीयू ने कोवि‍ड के बावजूद पि‍छले पांच सालों में इस साल सर्वाध‍िक 670 पीएचडी प्रदान की हैं। 

दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन के प्रभारी व विद्वत परिषद के पूर्व सदस्य हंसराज को शनिवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के 97वें दीक्षांत समारोह में पीएचडी की डिग्री प्रदान की गई। हंसराज वर्तमान में डीयू के श्री अरविंदो कॉलेज में हिन्‍दी विभाग में शिक्षक हैं। उन्होंने न्यू मीडिया “हिंदी पत्रकारिता पर प्रौद्योगिकीय परिवर्तन का प्रभाव ” विषय पर शोध कार्य किया है। 

डिग्री मिलने के बाद हंसराज ने बताया कि पत्रकारिता पर शोधकार्य करते हुए मीडिया के लब्ध-प्रतिष्ठित पत्रकारों से उनके  कार्य करने के तौर-तरीके पर निरंतर बातचीत की जाती रही है, यह जानने का प्रयास किया गया कि रिपोर्टिंग से लेकर संपादकीय तक नया मीडिया किस तरह से प्रभावी रहा है। उन्होंने बताया कि नव सूचना संचार प्रौद्योगिकी का क्षेत्र काफी व्यापक है, आज की पत्रकारिता जन सामान्य से पत्रकार तक को अपनी भूमिका में समेटे हुए है, अर्थात् आज का एक सामान्य आदमी भी पत्रकार की भूमिका निभा सकता है। अब खबरें प्राप्त करना और ख़बरों की विश्वसनीयता को दर्शाना आसान हो गया है। क्योंकि लेपटॉप, स्मार्ट मोबाइल फोन, हाइड कैमरा जैसे उपकरण घटना की यथार्थ स्थिति को प्रस्तुत करते हुए पत्रकारिता को नया आयाम दे रहे हैं। नव सूचना संचार प्रौद्योगिकी ने पत्रकारिता को बेहतर बना दिया है। 

हंसराज ने बताया कि उनका शोध कार्य पत्रकारिता में तकनीकी बदलाव को लेकर है। आजादी के पहले और आजादी के बाद की पत्रकारिता, नब्बे के दशक की पत्रकारिता तथा इक्कीसवीं शताब्दी की पत्रकारिता का पूरा मूल्यांकन सूचना संचार प्रौद्योगिकी के विकास को लेकर है। इस शोध कार्य का केंद्रीय विषय भी नव सूचना संचार प्रौद्योगिकी है। यहां कम्प्यूटर तकनीकी, इंटरनेट, सोशल मीडिया और तमाम नए मीडिया के उपकरणों की कार्यशैली पर विस्तृत अध्ययन प्रस्तुत किया गया है।