- अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने इसे अव्यवहारिक बताया
रांची। प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने 12 जनवरी को प्रारंभिक विद्यालयों के लिए अवकाश तालिका जारी होने के साथ ही यह विवाद में घिर गयी है। इसमें शबे- ए-बरात पर्व अवकाश नहीं है। उर्दू विद्यालयों को साप्ताहिक अवकाश शुक्रवार को ही देने की मांग की गई।
अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष बिजेंद्र चौबे, महासचिव राममूर्ति ठाकुर और मुख्य प्रवक्ता नसीम अहमद ने संयुक्त रूप से कहा कि राज्य के प्रारंभिक विद्यालयों के लिए वर्ष 2021 की अवकाश तालिका प्राथमिक शिक्षा निदेशक द्वारा निर्गत की गई। इस अवकाश तालिका में कई व्यवहारिक खामियां है, जिसपर राज्य के शिक्षकों ने घोर आपत्ति दर्ज की है। अब तक के नियमों के अनुसार प्रारंभिक विद्यालयों की अवकाश तालिका जिला स्तर पर जिला शिक्षा अधीक्षकों द्वारा तैयार की जाती थी। इसमें स्थानीय एवं लोक पर्व-त्यौहारों को भी स्थान दिया जाता था। इस बार प्राथमिक शिक्षा निदेशालय द्वारा जिलों से तैयार अवकाश तालिका को राज्य स्तरीय आदेश से प्रतिस्थापित कर दिया गया। इसके कारण स्थानीय अवकाश एवं उर्दू विद्यालयों की अवकाश व्यवस्था की व्यापक अनदेखी की गई।
शिक्षकों ने कहा कि निदेशालय से जारी अवकाश तालिका में उर्दू विद्यालयों के लिए अलग से अवकाश का प्रावधान नहीं रखा गया है। इससे शुक्रवार को पड़ने वाले अवकाश को भी उनके सालाना अवकाश में शामिल दिखाया गया है, जबकि उर्दू विद्यालयों में तो प्रत्येक शुक्रवार को साप्ताहिक अवकाश घोषित रहता है।
इसी प्रकार लोक आस्था से जुड़े टुसु, करमा, मनसा पूजा, जितिया, तीज आदि विभिन्न क्षेत्रीय पर्वों के दिन अवकाश नहीं दिया गया है। इन पर्वों के अवसर पर छोटे बच्चों की उपस्थिति विद्यालयों में नहीं रहती है। संथाल परगना प्रमंडल के जिलों में भी मई-जून में ही ग्रीष्मावकाश दिया गया है, जबकि श्रावणी मेले को देखते हुए अबतक देवघर, दुमका एवं आस पास के जिलों में सावन मास में ये अवकाश दिया जाता था। इससे इसी अवकाश में श्रावणी मेले का एक बड़ा समय बीत जाता था। अलग से विद्यालय बाधित नहीं होता था।
संघ ने कहा कि महापुरुषों की जयंती पर कई अवकाश दिए गए है, जबकि विद्यालयों में इनकी जयंती के दिन इन महापुरुषों का जन्म दिन मनाने का निदेश निर्गत किया जाता रहा है। प्रदेश के सभी प्रमंडल में स्थानीय अवकाश अलग-अलग होता है। उस हिसाब से सभी जिला अवकाश घोषित करते हैं, लेकिन राज्य द्वारा जारी अवकाश तालिका में इस बात की घोर कमी है। इससे प्रदेश के शिक्षकों में व्यापक आक्रोश है।
अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने इस अवकाश तालिका को अव्यवहारिक बताया है। इसपर फिर से विचार करते हुए इसके स्थान पर पुनः जिला स्तरीय अवकाश तालिका की स्वीकृति करने की मांग की है, ताकि होने वाली परेशानियों से बचा जा सकता है।