सैंड आर्ट से महानदी के त्रिवेणी संगम पर संदेश दे रहे हेमचंद

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रायपुर। नए साल में भारत में कोरोना के खिलाफ जंग में दो वैक्सीन की स्वीकृति के बाद पूरे देश में खुशी की लहर दौड़ गई है। छत्तीसगढ़ की राजधानी से 40 किमी दूर बसे विकासखंड अभनपुर के ग्राम तामासिवनी के निवासी हेमचंद साहू ने अपनी सैंड आर्ट की कला से कोरोना के खिलाफ जंग लड़ने के लिए दो वैक्सीन की स्वीकृति को नए साल की बेहतर शुरुआत बताया और अपनी कला के माध्यम से दर्शाया। उनकी कर्मस्थली राजिम के महानदी के त्रिवेणी संगम की रेत रही। हेमचंद अब तक 100 से ज्यादा बार रेत से कलाकृति बना चुके हैं। हाल में कुलेश्वर मंदिर के समीप राजिम महानदी में उन्होंने सैंड आर्ट से संदेश दिया था कि हमारे भारत देश में कोरोना वाइरस का बचाव वैक्सीन और मास्क से ही होगा। हेमचंद साहू को राजधानी रायपुर की प्रतिष्ठित सामाजिक व सांस्कृतिक संस्था वक्ता मंच ने उन्हें कलाकार 2020 सम्मान से पिछले दिनों सम्मानित भी किया है।

हेमचंद ने बताया कि वे मूर्तिकला का काम पहले से ही जानते थे, एक बार अखबार में पूरी के तट में बनी मशहूर सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक की बनाई रेत की कलाकृति की फोटो देखा। तब से दिमाग में चल रहा था कि मैं भी ऐसा कुछ बना सकता हूँ। दिन बीतते गए लेकिन इसे करने का जुनून बना हुआ था। 5 सितंबर टीचर डे पर गांव के स्कूल में सर्वपल्ली राधाकृष्णन की कलाकृति बनाई। हालांकि इसमें काफी परफेक्शन की जरूरत थी, लेकिन गांव के लोगों ने मेरा हौसला बढ़ाया। बस यहीं से सिलसिला निकल पड़ा। हेमचंद ने बताया कि उन्होंने मशहूर सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक सुदर्शन की प्रतिभा के इतने कायल हुए उन्हे मन ही मन अपना गुरु बनाया और उनके नक्शे कदम पर चलते हुए उनका ध्यान करते हुए रेत में अंगुलिया चलाते मंजिल की बढ़ रहे हैं।

हेमचंद ने बताया कि पहले अपनी रेत की कला को अपने गांव में ही बनाते रहा फिर उन्हे उनके दोस्तों ने सलाह दी कि अपनी इस कला को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए त्रिवेणी संगम की पवित्र रेत में बनाना चाहिए। फिर मैंने वहां शुरुआत की और उस तैयार कला को देखने भीड़ जुटने लगी। तब मेरा भी कॉन्फिडेंस बढ़ने लगा। मुझे राजिम माघी पुन्नी मेले में नरवा- घुरुआ थीम पर आर्ट बनाने का काम मिला जिसे काफी लोगों ने पसंद किया गया। यह मेरे लिए रोजगार का विकल्प भी बन चुका है। अब मुझे शादियों में काम मिलने लगा है। बीते दिनों मैंने इस आर्ट पर रायपुर और हैदराबाद में काम किया है।