रांची। वाणिज्यकर विभाग द्वारा वर्तमान में व्यवसायियों को प्रोफेशनल टैक्स देने के लिए दबाव बनाये जाने की सूचना मिलने पर झारखंड चैंबर ने आपत्ति जताई। इस टैक्स को शिथिल करने की मांग की। चैंबर के सह सचिव दीनदयाल बरनवाल ने कहा कि प्रोफेशनल टैक्स वर्ष 2012 में लाया गया था। उस समय ट्रेड लाईसेंस निर्गत नहीं होने के कारण ही इस टैक्स को प्रस्तुत किया गया था। अब एक डीलर जब ट्रेड लाईसेंस ले रहा है, फिर उसे प्रोफेशनल टैक्स के लिए बाध्य करना अनुचित है। प्रदेश में ट्रेड लाइसेंस आने के बाद चैंबर के विरोध से ही पूर्व दिनों इस टैक्स को शिथिल किया गया था। पुनः व्यवसायियों पर इस दोहरे करारोपण का दबाव देकर प्रताड़ित किया जा रहा है, जो न्यायसंगत नहीं है।
चैंबर महासचिव राहुल मारू ने कहा कि कोविड की चुनौतियों से कुछ हद तक निपटने के उपरांत अब धीरे-धीरे व्यापारी अपने व्यापार को गति दे रहे हैं। ऐसे समय में व्यापारियों को प्रोफेशनल टैक्स जैसे अव्यवहारिक शुल्क जमा कराने के लिए बाध्य करना अनुचित है। विदित हो कि सभी व्यापारियों को उनके ई-मेल पर लिंक और नोटिस भेंजकर टैक्स जमा कराने का दबाव दिया जा रहा है, जिससे व्यापारी सशंकित हैं।