चीनी के साथ गुड़ का भी जनवितरण प्रणाली से वितरण पर सरकार करेगी विचार

झारखंड
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  • खाद्य सुरक्षा योजना में 15 लाख लाभुकों को मिलेगा हरा राशन कार्ड
  • 2019-2020 के दौरान धान अधिप्राप्ति में कुल 183% की हुई वृद्धि

रांची । मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य के गरीब तक सरकार द्वारा दिए जा रहे अनाज को उपलब्ध कराना हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा वैसे लोग जो सक्षम होने के बावजूद सरकार द्वारा गरीबों को दिए जा रहे, लाभ को गलत तरीके से उपयोग कर रहे हैं,  उनको रोकने का कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने उक्त बातें प्रोजेक्ट भवन में खाद्य सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग की समीक्षा के दौरान कहीं।

दोना पत्तल के इस्तेमाल को दें बढ़ावा

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 के कारण किये गये लॉकडाउन के समय सरकार द्वारा चलाये जा रहे दाल-भात योजना के तहत लाखों व्यक्तियों को नि:शुल्क भोजन कराया गया है। सरकार मुख्यमंत्री दाल-भात योजना के नियमित दाल-भात केंद्रों को सुदृढ करने की दिशा में कार्य कर रही है। इन केंद्रों पर साफ सफाई का विशेष ध्यान दिया जाना है। साथ ही, प्लास्टिक के उपयोग को खत्म कर दोना पत्तल के इस्तेमाल को बढ़ावा देने का कार्य किया जाना है।

गन्‍ना उत्‍पादन प्रोत्‍साहित हो सकेगा

मुख्यमंत्री ने कहा कि जनवितरण प्रणाली के द्वारा केंद्र सरकार से अनुदानित दर पर लाभुकों को चीनी उपलब्ध कराई जाती है। इसके साथ-साथ  यदि गुड़ का भी वितरण किया जाए तो यह सेहत के लिए भी लाभदायक है साथ ही हमारे किसानों को गन्ना उत्पादन की दिशा में भी प्रोत्साहित किया जा सकेगा।

राइस मिल व गोडाउन निर्माण को करें प्रोत्साहित

मुख्यमंत्री ने कहा कि खरीफ विपणन मौसम 2016-2017 से 2019-2020 के दौरान धान अधिप्राप्ति में 183% की वृद्धि दर्ज की गई है। राज्य में  सरकार को राइस मिल एवं गोडाउन निर्माण को  प्रोत्साहित करने का कार्य करना है, जिससे किसानों द्वारा प्राप्त अनाज का प्रोसेसिंग सही ढंग से किया जा सके।

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम अंतर्गत उपलब्धियां

खाद्यान्न वितरण योजना अंतर्गत खाद्यान्न का उठाव, आवंटन माह के पूर्ववर्ती माह में कर ली जा रही है, ताकि आवंटन माह में लाभुकों को खाद्यान्न ससमय उपलब्ध कराया जा सके।

शत प्रतिशत राशन कार्डों को आधार से जोड़ा गया है।

शतप्रतिशत जन वितरण प्रणाली दुकानों में ई-पॉश मशीन के माध्यम से वितरण किया जा रहा है।

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम से आच्छादित कुल सदस्यों में से 87.92% सदस्यों का आधार सीडिंग किया जा चुका है।

राज्य की जनता की शिकायतों के त्वरित निष्पादन के लिए विभाग अंतर्गत लोक शिकायत प्रबंधन प्रणाली (पीजीएमएस) के तहत माह अप्रैल से नवंबर, 2020 तक कुल 55,665 प्राप्त शिकायतों में से 55,015 शिकायतों का निष्पादन कर दिया गया है।

झारखंड राज्य खाद्य सुरक्षा योजना

राज्य सरकार झारखंड राज्य खाद्य सुरक्षा योजना जनवरी माह में लाने का जा रही है। इसके अंतर्गत प्रत्येक लाभुकों को 1 रुपये प्रति किलो की अनुदानित दर पर 5 किलोग्राम चावल प्रतिमाह प्रति सदस्य उपलब्ध कराया जाएगा। इस योजना के तहत कुल 15 लाख वैसे लोगों को आच्छादित किया जाएगा, जो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम से आच्छादित नहीं हैं। योजना अंतर्गत लाभुकों को हरा राशन कार्ड उपलब्ध कराया जाएगा।

आदिम जनजाति डाकिया योजना

डाकिया योजना के तहत अंत्योदय अन्न योजना से आच्छादित परिवारों को उनके निवास स्थान तक 35 किलोग्राम चावल पैकेट में मुफ्त में उपलब्ध कराया जाता है। इसके लिए 73,618 परिवार लक्षित किया गया है।

विभाग द्वारा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत अप्रैल से नवम्बर माह 20202 तक 910199.994 मेट्रिक टन खाद्यान वितरित किया गया है वहीं 42733.391 मेट्रिक टन दाल/चना का वितरण किया गया है।

सरकार कंप्यूटराइजेशन योजना के अंतर्गत खाद्यान्न का ऑनलाइन आवंटन, आपूर्ति श्रृंखला का कंप्यूटरीकरण, राशन कार्ड प्रबंधन प्रणाली, लाभुकों की सूची का अंकीकरण एवं सभी 25,548 जनवितरण प्रणाली दुकानों में ई-पॉश मसीन का अधिष्ठापन एवं खाद्यान्न का ऑनलाइन वितरण किया जा रहा है। इसके तहत अबतक कुल 76% डुप्लीकेट राशन कार्डों को रद्द करने का कार्य किया जा चुका है ।

समीक्षा बैठक में खाद्य सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग के मंत्री रामेश्वर उरांव, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, विकास आयुक्त केके खंडेलवाल, खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह, संयुक्त सचिव शांतनु कुमार अग्रहरी एवं विभाग के अन्य पदाधिकरी उपस्थित थे।