- किसानों की आमदनी बढ़ाने की योजना बने
- चलंत धान क्रय केंद्र की योजना पर हो विचार
रांची । राज्य सरकार किसानों की पसंद के अनुरूप उन्हें प्रोत्साहित करना चाहती है। उनकी आमदनी बढ़ाना सरकार की प्राथमिकता है। विभाग किसानों को लाभांवित करने के लिए समय से पूर्व तैयार रहे, क्योंकि किसान समय के साथ खेती कार्य करते हैं। अगर उन्हें समय पर लाभ नहीं मिला तो उनकी मेहनत व्यर्थ चली जायेगी। ये बातें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कही। वे 7 दिसंबर को कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को निर्देश दे रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की उत्पादित सब्जियों को अधिक दिनों तक संग्रह करने एवं अधिक मुनाफा देने के लिए कोल्ड रूम के निर्माण को प्राथमिकता दें। यह कार्य अधिक सब्जी उत्पादन करने वाले पंचायत में हो। इसके लिए सभी का ईमानदारी से कार्य करते हुए किसानों को लाभांवित करने का लक्ष्य होना चाहिए। उन्हें बाजार की उपलब्धता सुनिश्चित कराने की दिशा में कार्य करें।
धान संग्रह केंद्रों की संख्या बढ़ाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले वर्ष से किसानों को धान बेचने में परेशानी नहीं हो, इसके लिए पूरे राज्य में धान संग्रह केंद्रों की स्टोरेज क्षमता बढ़ाएं। धान क्रय करने तैयारी पूर्व से प्रारंभ होना चाहिए, जिससे धान क्रय करने और उसके संग्रहण में दिक्कत नहीं हो। चलंत क्रय केंद्र, हाट-बाजार में क्रय करने की योजना पर भी विभाग विचार करे। उद्देश्य स्पष्ट है किसानों की सहूलियत के अनुरूप धान क्रय करना।
मत्स्य पालन के दायरे में बढ़ोतरी करें
मुख्यमंत्री ने कहा कि चांडिल डैम में बड़ा केज कल्चर नजर आता है। अन्यथा अधिकतर जगह छोटे स्तर पर मत्स्य का उत्पादन हो रहा है। विभाग मत्स्य उत्पादन में और बढ़ोतरी करे। पशुधन का लाभ सभी प्रमंडल के लोगों को उनकी जरूरत के अनुसार मिले, तो वे लाभांवित होंगे। विभाग इस दिशा में आवश्यक कदम उठाये।
ससमय उपलब्ध हो सके बीज-खाद
मुख्यमंत्री ने कहा कि विभाग बजट का रिस्ट्रक्चर करे, जिससे समय पूर्व तैयारी कर किसानों को लाभ पहुंचाया जा सके। ससमय बीज, खाद व अन्य कृषि से संबंधित संसाधनों का क्रय सुनिश्चित हो सके। किसानों को सरसों, दलहन, सोयाबीन की खेती के लिए जागरूक करें, जिससे उनके अधिक से अधिक आर्थिक लाभ की राह आसान हो। इनके उत्पादन से किसान अधिक लाभ प्राप्त कर सकेंगे।
इन विषयों से हुए अवगत
मुख्यमंत्री वित्तीय वर्ष 2020-21 के बजट से अवगत हुए। उन्होंने कृषि, पशुपालन, गव्य विकास, मत्स्य और सहकारिता विभाग के केंद्र व राज्य प्रयोजित योजनाओं में किये गए आवंटन की जानकारी ली। उपरोक्त सभी विषयों की योजनाओं की संख्या जानी। इनमें केंद्र व राज्य की योजनाएं शामिल थीं। मुख्यमंत्री ने केंद्र एवं राज्य की योजनाओं प्रदर्शन, मुख्य योजनाओं की स्थिति और आगे की विभागीय योजना, राज्य की नई योजनाओं की कार्य योजना, मुख्य गतिविधियों और उपलब्धि, विभाग में मानव संसाधन की स्थिति, रिक्त पदों को भरने के विरुद्ध उठाये गए कदम, राष्ट्रीय बागवानी मिशन की जानकारी ली।
मंत्री सहित ये अधिकारी मौजूद
बैठक में मंत्री, कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग बादल पत्रलेख, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता सचिव अबू बक्कर सिद्दीख पी, राष्ट्रीय बागवानी मिशन निदेशक वरुण रंजन, पशुपालन निदेशक श्रीमती नैंसी सहाय, कृषि निदेशक निशा उरांव सिंघमार सहित विभागीय पदाधिकारी उपस्थित थे।