कार्यस्‍थल पर यौन उत्‍पीड़न की शिकायत किसी प्रकार की जा सकती है : डॉ वल्‍लभ

झारखंड
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  • सीसीएल में ‘कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न’ विषयक वेबिनार आयोजित

रांची । कोल इंडिया की सहायक कंपनी सीसीएल के विमेन इन पब्लिक सेक्‍टर (विप्‍स) के तत्‍वावधान में 9 दिसम्‍बर को कंपनी मुख्‍यालय में ‘कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न’ विषय पर ‘वेबिनार’आयोजित किया गया। इस जागरुकता वेबिनार में विप्‍स के पदधारी एवं सदस्‍य सहित सीएमडी के तकनीकी सचिव एमवी रजीमवाले, महाप्रबंधक (विधि) पी भट्टाचार्य, महाप्रबंधक (अधिकारी स्‍थापना) एके सिंह, महाप्रबंधक (सामाजिक सुरक्षा) यूपी नारायण, महाप्रबंधक (ईएंडटी) एमसीएस राव, महाप्रबंधक (आईडी) सुरेश कुमार, डॉ मंजू मिश्रा, डॉ अजंना झा, डॉ प्रीति तिग्‍गा एवं अन्‍य उपस्थित थे। रांची यूर्निवसिटी की सेवानिवृत प्रोफेसर डॉ माया प्रसाद भी मौजूद थीं।

सीसीएल के विभिन्‍न क्षेत्रों से विप्‍स के नोडल अधिकारी भी ‘वेबिनार’के माध्‍यम से जुड़े। मुख्‍य वक्‍ता के रूप में इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ कार्पोरेट अफेयर्स के डॉ रमन वल्‍लभ थे। उन्‍होंने कार्यस्‍थल पर मह‍िलाओं के यौन उत्‍पीड़न अध‍िन‍ियम एवं विशाखा एक्‍ट पर पावर प्‍वाइंट के माध्‍यम से विस्‍तार से चर्चा की। कहा कि यह कानून कार्यस्‍थल पर महिलाओं के लिए यौन उत्‍पीड़न को अवैध करार देता है। वर्तमान में कानून यौन उत्‍पीड़न के विभिन्‍न प्रकारों को चिन्ह्ति करता है। यह बताता है कि कार्यस्‍थल पर यौन उत्‍पीड़न की शिकायत किसी प्रकार की जा सकती है।

डॉ रमन वल्‍लभ ने कहा कि सभी कर्मी को जागरूक करने की आवश्‍यकता है, जिससे यौन उत्‍पीड़न संबंधी शिकायतें नहीं हो। महिलाएं निर्भिक होकर किसी भी दफ्तर में काम कर सके। उन्‍होंने यह भी कहा कि कानून हर उस महिला के लिए बना है, जिसका किसी भी कार्यस्‍थल पर यौन उत्‍पीड़न हुआ हो। यह नहीं जरूरी है कि जिस कार्यस्‍थल पर महिला का उत्‍पीड़न हुआ हो, वह सरकारी संस्‍था हो।

इस अवसर पर विप्‍स की श्रीमती अर्चना सिन्‍हा, श्रीमती अनुराधा, श्रीमती रेखा पांडेय सहित अन्‍य पदाधारी उपस्थित थीं। कार्यक्रम के प्रारंभ में महाप्रबंधक (समाधान)/(भर्ती) एवं विप्‍स को-ऑर्डिनेटर, सीसीएल सुश्री रश्मि दयाल ने स्‍वागत किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में विप्‍स की रांची चैप्‍टर के पदधारी और सदस्‍य की भूमिका रही।