केंद्र सरकार के पास जीएसटी कंपनसेशन का भुगतान बकाया : हेमंत सोरेन

झारखंड
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  • राजस्व संग्रह संतोषजनक नहीं
  • 4, 230 करोड़ रुपये बकाया है

रांची । केंद्र सरकार के पास राज्य के जीएसटी कंपनसेशन का भुगतान बकाया है। हालांकि केंद्र सरकार द्वारा भुगतान की दिशा में अबतक पहल नहीं की गई है। वित्त एवं वाणिज्य कर विभाग द्वारा वर्तमान में किया जा रहा राजस्व संग्रह संतोषजनक नहीं है। राजस्व को दोगुना करने की दिशा में कार्य करें। राजस्व संग्रह को प्राथमिकता मान कार्य आरंभ होना चाहिए। झारखंड के विकास एवं यहां के लोगों को योजनाओं से लाभांवित करने के लिए व्यय तो होगा ही, लेकिन राज्य की आमदनी भी बढ़े। ये बातें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने योजना सह वित्त विभाग एवं वाणिज्य कर विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए 2 दिसंबर को कही।

टैक्स की चोरी रोकने की दिशा में काम हो

मुख्यमंत्री ने कहा कि वाणिज्य कर विभाग द्वारा राजस्व संग्रह पर राज्य काफी हद तक निर्भर रहता है। विभाग की निगाह राज्य के हर कोने में होनी चाहिए, ताकि राजस्व संग्रह बेहतर ढंग से हो सके। टैक्स की चोरी को रोकने की दिशा में काम हो। विभाग को आईटी सेल से जुड़ कर खुद को मजबूत करना होगा। टैक्स की चोरी करने वालों से बेहतर प्रणाली विकसित करें। हाईटेक व्यवस्था से टैक्स चोरी में काफी हद तक विराम लगेगा। सरकार आपको इसके लिए हर तरह की सुविधा उपलब्ध कराने को तत्पर है।

न्‍यायालय में अपना पक्ष मजबूती से रखें

मुख्यमंत्री ने कहा कि इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी के तहत न्यायालयों में कई मामले लंबित हैं। वाणिज्य कर विभाग को उन सभी मामलों की समीक्षा करनी चाहिए। अधिक राशि के मामलों पर विशेष ध्यान दें। न्यायालय में अपना पक्ष मजबूती से रखें। विभाग अपनी क्षमता को पहचानते हुए कार्य करेगा तो अधिक राजस्व की प्राप्ति होगी। विभिन्न मामलों में अलग-अलग न्यायालयों में करीब 4,552 मामले चल रहे हैं, जिसके तहत 4, 230 करोड़ रुपये बकाया है, जिसकी प्राप्ति विभाग को करनी है।

स्ट्रीट वेंडर का सही आंकलन होना चाहिए

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्टेट वेंडर का सही आंकलन होना चाहिए, ताकि उनकी सही जनसंख्या का पता चल सके। जरूरतमंदों को आत्मनिर्भर भारत योजना के माध्यम से बैंक लोन मिलने में सहूलियत हो। कोरोना संक्रमण काल में ये सर्वाधिक प्रभावित हुए हैं। आत्मनिर्भर भारत योजना से अधिक से अधिक लोगों को लाभांवित कर पाए यह हमारा लक्ष्य होना चाहिए।

डीएमएफटी फंड की समीक्षा हो

मुख्यमंत्री ने कहा कि डिस्ट्रिक्ट मिनिरल फंड किसी जिला में अधिक तो कहीं कम है। ऐसे में जिस जिला का बजट विकास कार्यों यथा सड़क, पानी व बिजली के लिए अधिक आवंटित है, वहां संबंधित विभाग प्लान बजट की राशि को अन्य जिलों में स्थानांतरित कर विकास कार्य करें। इसमें सीएसआर फंड को भी शामिल करें। गाइडलाइन के अध्ययन के बाद इस पर निर्णय लिया जा सकता है।

अन्य राज्यों से डीजल क्यों खरीद रही कंपनियां

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की सीमा से सटे जिलों में खनन कार्य कर रही कोयला कंपनियां अन्य राज्यों से डीजल खरीदे जाने की जानकारी मिल रही है। उनका एकरारनामा स्थानीय पेट्रोल पंप से डीजल लेने की है। इस दिशा में सुधार करें, जिससे राजस्व का घाटा संबंधित जिला को ना उठाना पड़े।

इन विषयों पर ली विस्तृत जानकारी

मुख्यमंत्री ने वित्तीय वर्ष 2020- 21 की कुल प्राप्ति, केंद्रीय करों में हिस्सेदारी से प्राप्त राशि का तुलनात्मक विवरण, प्रमुख विभागों के राजस्व की प्राप्ति, जीएसटी कंपनसेशन की वर्तमान स्थिति, बजटीय उपबंध एवं व्यय की स्थिति, वित्तीय वर्ष 2020- 21 का कुल बजट, वित्तीय वर्ष 2020-21 में स्कीम मद की प्रक्षेत्रवार उदव्यय, वित्तीय वर्ष 2020-21 घटकवार कुल बजट, वित्तीय वर्ष 2020-21 स्थापना मद में उपबंध की स्थिति, वित्तीय वर्ष 2020-21 में व्यय की अनुमति, वित्तीय घाटे की स्थिति, योजना सह वित्त विभागों के अंतर्गत स्थायी/कार्यरत एवं रिक्त पदों की स्थिति, योजना प्रभाग अंतर्गत राज्य योजना, आकांक्षी जिला योजना की जानकारी विभाग के अधिकारियों से प्राप्त की। इससे संबंधित आवश्यक दिशा निर्देश दिया।

बैठक में ये अधिकारी थे मौजूद

बैठक में मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, विकास आयुक्त केके खंडेलवाल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, योजना सह वित्त विभाग की सचिव श्रीमती हिमानी पांडेय, वाणिज्य कर विभाग की सचिव श्रीमती वंदना डाडेल व विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।