रांची। केंद्र सरकार ने एससी वर्ग को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए 5900 करोड़ रुपये की मैट्रिकोत्तर छात्रवृति योजना का लाभ दिया है। इस योजना के माध्यम से देश के 4 करोड़ से अधिक और झारखंड के 40 लाख एससी परिवार को योजना का लाभ मिलेगा। उक्त बातें भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष, चंदनकियारी विधायक सह पूर्व मंत्री अमर कुमार बाउरी ने गुरुवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय में प्रेस से कही।
श्री बाउरी ने कहा कि अनुसूचित वर्ग के बच्चों को आगे बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने बुधवार को एक बड़ा फैसला लिया है। एससी वर्ग से आने वाले बच्चों की पढ़ाई पर अब पहले के मुकाबले हर साल पांच गुना ज्यादा राशि खर्च होगी। साथ ही इसे लेकर संचालित योजना पर अगले पांच सालों में 59 हजार करोड़ से ज्यादा राशि खर्च की जाएगी। इसमें केंद्र की हिस्सेदारी 35 हजार करोड़ से ज्यादा की होगी। इस पूरी योजना के जरिए अगले चार सालो में चार करोड़ अनुसूचित वर्ग के छात्रों को लाभ दिया जाएगा। इनमें करीब 1.36 करोड़ छात्र सबसे गरीब तबके से होंगे।
मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि अनुसूचित छात्रों को इस छात्रवृत्ति स्कीम के तहत दसवीं के बाद की पढ़ाई के लिए यानी 11वीं से उच्च शिक्षा तक ट्यूशन फीस, रखने व खाने को भत्ता व शोध आदि के लिए टाइपराइटिंग भत्ता आदि दिया जाएगा।
श्री बाउरी ने कहा कि अब सरकार राज्य सरकार पर निर्भर करता है कि वह इस योजना में राज्य के कितने छात्रों को स्वीकृति प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि इस योजना में डीबीटी के माध्यम से छात्रवृत्ति का पैसा छात्रों को सीधे उनके खाते में मिलेगी, जो गरीब छात्रों के लिए बड़ी राहत होगी। इस योजना से वैसे गरीब छात्र जो दसवीं के बाद ड्रॉपआउट हो जाते थे उसमें भी कमी आएगी।
अनुसूचित जनजाति के 10 छात्रों को विदेश में पढ़ने के लिए योजना तैयार करने का मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष ने स्वागत किया। वहीं उन्होंने मांग की कि राज्य सरकार 10 अनुसूचित जाति छात्रों को भी विदेश में पढ़ने के लिए इस तरह की योजना राज्य में शुरू करें, ताकि अनुसूचित जाति छात्रों को भी इससे लाभ मिल सके।
कृषि ऋण माफ करने के मामले पर उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन ने राज्य के किसानों को 2 लाख रुपये तक के ऋण माफी की घोषणा अपने चुनावी दौरे के दौरान कही थी। लेकिन राज्य सरकार ने मात्र 50 हजार रुपये तक का ही ऋण माफ किया है। उसमें भी कई ऐसे नियम कानून बनाए गए हैं, जिसका लाभ सभी किसानों को नहीं मिल सकेगा। वहीं भारतीय जनता पार्टी की पिछली सरकार ने प्रधानमंत्री कृषि सम्मान योजना और मुख्यमंत्री कृषि सम्मान योजना के माध्यम से किसानों को प्रति वर्ष 32 हजार रुपये तक का अनुदान राशि देने का काम कर रही थी। इससे किसानों को किसी भी प्रकार का ऋण नहीं लेना पड़ता, लेकिन राज्य सरकार ने इस योजना को भी बंद कर दिया।
श्री बाउरी ने कहा कि धान क्रय के मामले में भी राज्य सरकार की उदासीनता के कारण किसानों को मात्र 700 से 800 रुपये तक में अपना धान बेचना पड़ रहा है, जबकि राज्य सरकार ने 2500 रुपये प्रति क्विंटल के दर से धान क्रय की घोषणा की थी। वर्तमान में राज्य सरकार के उदासीन रवैये के कारण बिचौलियों को फायदा हो रहा है।
मौके पर जमुआ विधायक केदार हाजरा, भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश महामंत्री रंजन पासवान, भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश मंत्री कमलेश राम सहित अन्य पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित थे।