Tata : संवाद का रंगारंग समापन, संवाद फेलोशिप 2020 का परिणाम घोषित

झारखंड
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  • ‘रिद्म ऑफ अर्थ’ ने दिया सांस्कृतिक संध्या का समापन प्रस्तुतिकरण

जमशेदपुर । टाटा स्टील फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक अपनी तरह का अखिल भारतीय आदिवासी सम्मेलन ‘संवाद’ एक ऑनलाइन प्रारूप में गुरुवार संपन्न हुआ। इसमें दुनिया भर के विभिन्न क्षेत्रों से जनजातीय समुदायों को एक साथ लाया गया। इस वर्ष भारत के 23 राज्यों, 5 केंद्र शासित प्रदेशों और 17 देशों की 114 जनजातियों के 3,000 से अधिक लोगों ने ‘संवाद’ में हिस्सा लिया। इनमें श्रीलंका, दक्षिण अफ्रीका, नेपाल, केन्या, फिलीपींस, थाईलैंड और तंजानिया शामिल हैं।

‘संवाद’ फेलोशिप कोष की महत्वपूर्ण कमी को पूरा करता है। यह ‘फेलो’ को व्यापक अंतदृष्टि प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मंच की सुविधा देने की दिशा में भी काम करता है। इस वर्ष निम्नांकित को फेलोशिप से सम्मानित किया गया।

1. गढ़िया लोहार जनजाति की दीपा पवार को गढ़िया लोहार की पारंपरिक कला और लोहे के हथियार बनाने के दस्तावेजीकरण पर परियोजना के लिए।

2. वान गुर्जर जनजाति से तौकीर आलम को वान गुज्जर की भाषा के संरक्षण की एक पहल ‘मारी बिरसा (हमारी विरासत)’ पर परियोजना के लिए ।

3. कादर जनजाति से बिबथा एस को कादर समुदाय की सांस्कृतिक व प्राकृतिक विरासत के दस्तावेजीकरण पर परियोजना के लिए।

4. बियात जनजाति से लालरेम्रुआता नमलाई को बियात देसी खेल के दस्तावेज़ीकरण और जनजाति के सांस्कृतिक पुनरुद्धार और संरक्षण में इसकी भूमिका पर परियोजना के लिए।

5. संगताम जनजाति से अरिबा अनार को संगताम जनजाति के लोक गीतों और लोक संगीतों के पुनरुत्थान पर परियोजना के लिए।

6. पुमई नागा जनजाति से के. बोवांग खो को ने ‘रिक्लेम द पास्ट ऐंड इम्पॉवर द प्रेजेंट : पाउली (ओनाइम का घड़ा)’ पर परियोजना के लिए।

आज संवाद का म्यूजिकल कलेक्टिव ‘रिदम ऑफ द अर्थ’ की एक संगीतमय शाम दर्शकों को एक मधुर यात्रा में ले गई। मौके पर, लोक रॉक बैंड ‘अतृप्त’ के सहयोग से ‘आरओटीई’ द्वारा रचित की दो कम्पोजिशन भी जारी की गईं।